सोमवती अमावस्या आज, जानें पूजन व्रत और मुहूर्त …
आज भाद्रपद की सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है. अमावस्या के दिन पितर पूजा, पिंड दान और पितरों का तर्पण किया जाता है. इस दिन गौदान और स्नान का खास महत्व बताया गया हैं. माना जाता है कि अमावस्या का दिन अपने पूर्वजों को याद करने का सबसे अच्छा दिन है, सोमवती अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी, भगवान शिव और श्रीहरि की पूजा की जाती है. सोमवती अमावस्या को पिठोरी अमावस्या, भादो अमावस्या और भाद्रपद अमावस्या भी सोमवती अमावस्या के नाम हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अमावस तिथि को मनाई जाती है.
शुभ मुहूर्त
यह अमावस्या 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर शुरू हुई है और 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी.
अमावस्या स्नान दान का मूहूर्त- सुबह 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
पूजन का मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगा.
आज का शुभ योग
आज सोमवती अमावस्या बहुत खास है क्योंकि आज शिव योग, सिद्ध योग और मघा नक्षत्र बन रहे हैं. कल शाम 5 बजकर 50 मिनट पर शिव योग शुरू हुआ था और आज शाम 6 बजकर 20 मिनट तक चलेगा. साथ ही, सिद्ध योग आज शाम 6 बजकर 20 मिनट पर शुरू होकर 3 सितंबर को शाम 7 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगा.
पूजन विधि
इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें. पितरों का तर्पण करें और उनकी शांति की कामना करें. पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और कपड़े दें, इस दिन भी देवी लक्ष्मी का पूजन करना शुभ है. सुहागिन स्त्रियां सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करती हैं. कमजोर चंद्रमा को बलवान बनाने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करनी चाहिए.
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आज का विशेष उपाय
1. सोमवती अमावस्या पर खीर बनाकर शिव को दें, पितरों के नाम से भी कुछ निकालें. शिवजी को दी गई खीर गरीबों को दें. किसी पशु को पितरों की खीर खिला दें, सफेद चंदन की लकड़ी को नीले धागे में बांधकर पहन लें.
2. पारिवारिक समस्याओं को हल करने के लिए स्नान करके नारंगी वस्त्र पहनें. भगवान शिव और माता पार्वती को एक साथ पूजें. उनके समक्ष “ऊं गौरीशंकराय नमः” का जप दें और सात्विक भोजन का दान करें.