सोशल मीडिया पर BHU के छात्रों का बना ग्रूप, बनारस में करा रहे हैं इलाज

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“फेसबुक पर महामना का परिवार नाम से बना एक ग्रुप इन दिनों बेहद सक्रिय है. इसमें बीएचयू के वर्तमान और पूर्व छात्र दुनिया भर से जुड़े हैं. अपने हुनर और हैसियत के मुताबिक इस कारोना काल में हर किसी की भरपूर मदद कर रहे हैं.”


“ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन काशी के साथ मिलकर आक्सीजन क्लब कोरोना की जंग लड़ रहे लोगों को मुफ्त भोजन मुहैया करा रहा है. जरूरतमंद लोगों की तलाश के लिए उसने फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग किया है.”

“फेसबुक पर कम्यूनिटी हेल्प ग्रुप के जरिए हर रोज हजारों लोग सहयोग और मदद के मैसेज भेज रहे हैं. जिन्हें जैसी जरूरत है वैसी कई बार पूरी भी हो रही है. मदद मांगने वाले जितने हैं सहयोग करने वालों की संख्या भी उनसे कम नहीं है. जिसके पास जैसी सुविधा है वो उससे ही लोगों की मदद कर रहा है.”

“यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर केजीएमयू लखनऊ की स्पेशल ओपीडी ई संजीवनी एप पर शुरू की गयी है. इसमें टेली कंस्लटेंसी के माध्यम से 23 से अधिक विशेषज्ञ लोगों को चिकित्सीय परामर्श दे रहे हैं. कोरोना काल में एक लाख लोग इसकी सेवा ले चुके हैं.”

ये चंद उदाहरण हैं सोशल मीडिया के सकरात्मक इस्तेमाल की. कोरोना के काल जब इंसान ने इंसान से जिस्मानी दूरी बना ली है तब हथेली में समा जाने वाला स्मार्ट फोन पूरी दुनिया को खुद में समेटे हुए है. इसके जरिए ना सिर्फ अपनों का हाल-चाल हो रहा है बल्कि पूरी दुनिया एक जुटकर महामारी से लड़ रही है. जब लोगों के हाथ में स्मार्ट फोन आया होगा तब उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि एक वक्त एसा होगा जब पूरी दुनिया इस पर निर्भर होगी.

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छोटी सी दुनिया में हो रहे बड़े-बड़े काम

मोबाइल देखने में भले छोटा लगता हो लेकिन इसकी पहुंच दूर-दूर तक है. इस वक्त जब हर इंसान दूसरे से सुरक्षित दूरी बनाए रखना चाहता है तब यही फोन लोगों ने बहुत काम आ रहा है. फेसबुक, वाह्टसएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, समेत अन्य सोशल साइट्स के जरिए लोग दुनिया के किसी कोने से एक-दूसरे का हाल जान पा रहे हैं. मेडिकल से लेकर अन्य तरह की हेल्प ले पा रहे हैं. इस महामारी से लड़ने के लिए जिनके पास जरूरी मैसेज हैं वो दूसरों तक पहुंचा पा रहे हैं. घर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों तक सहायता हो पा रही है. जिनके दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है उनका पेट भर पा रहा है. इतना ही नहीं पिछले डेढ़ साल से कोरोना सबकुछ निगल जाने को आतुर है लेकिन यह फोन ही है जो दुनिया में जान फूंक रहा है. एजुकेशन आनलाइन हो गया तो बिजनेस भी आनलाइन ही चल रहा है. आंकड़े बताते हैं कि इस कोरोना काल में स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या में लगभग एक अरब का इजाफा हुआ है. इसे बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए स्मार्ट फोन बनाने वाली कम्पनियों का अनुमान है कि इसमें इजाफा होगा.

नुकसान भी कर रहा है

सोशल मीडिया के फायदे तो बहुत हैं लेकिन नुकसान भी है. यहां हर किसी को अपने विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी है. कई बार लोग बिना सोचे-समझे भी पोस्ट कर देते हैं. उसका समाज पर गलत असर पड़ता है. इन दिनों साइट्स पर तरह-तरह के नकरात्मक पोस्ट दिख जा रहे हैं. यह पोस्ट लोगों के दिल में और डर पैदा कर रहे हैं. वीडियो और फोटो एडिट करके महामारी को और भयावह रूप में पेश कर रहे हैं. इसे देखने वाले दहशत में आ जा रहे हैं.

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जरा यह भी जान लें

4 अरब स्मार्ट फोन यूजर हैं दुनिया में.
3 अरब थी स्मार्ट फोन यूजर की संख्या वर्ष 2019 में.
50 प्रतिशत आबादी पूरी दुनिया की इस्तेमाल करती है स्मार्ट फोन.
60 करोड़ से अधिक लोग भारत में स्मार्ट फोन यूज करते हैं.
100 अरब मैसेज हर रोज आते हैं वाह्ट्सएप पर पूरी दुनिया में.
250 करोड़ लोग हर दिन एक या एक से अधिक फेसबुक एप का इस्तेमाल करते हैं.
200-250 पीबी इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल हर रोज होता है भारत में
312 पीबी डाटा के इस्तेमाल का रिकार्ड दर्ज किया गया पिछले साल 22 मार्च को
1000 टीबी के बराबर होता है एक पीबी
10 लाख जीबी के बराबर होता है एक पीबी

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