हाथरस मामले में एसआईटी ने सौंपी शुरूआती जांच रिपोर्ट, कईयों पर गिरेगी गाज

0

यूपी हाथरस में हुए सत्संग में भगदड़ कांड की जांच में लगी एसआईटी ने आज यानी शुक्रवार को अपनी शुरूआती जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इस जांच का नेतृत्व एडीजी आगरा व अलीगढ़ कमिश्नर द्वारा किया जा रहा है, जिसमें अब तक जिले के डीएम और एसएसपी समेत कुल 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. आपको बता दें कि बीते मंगलवार को हुए हाथरस में हुए हादसे के बाद सीएम योगी ने मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच किए जाने का आदेश दिया था, जिसका जिम्मा एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को सौंपा गया था. इसके साथ ही इस जांच की 24 घंटे के बाद रिपोर्ट तलब की गई थी.

बयान के आधार पर सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन

एसआईटी का उद्देश्य हादसे के मूल कारणों की जांच करने के साथ थी की गई अनदेखी और लापरवाही को उजागर करना था. यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी, लेकिन राहत और बचाव कार्य जारी रहने और मुख्यमंत्री के आने के कारण जांच-पड़ताल पूरी नहीं हो सकी थी. इसकी वजह से अधिकारियों ने तीन दिन की अवधि की मांग की थी. इस रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात पुलिस अधिकारियों और अन्य सभी विभागों के कर्मचारियों, प्रारंभिक सूचना अधिकारियों, एंबुलेंस कर्मचारियों, डॉक्टरों, शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों, किसानों, घायलों, तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं.

माना जाता है कि, इस रिपोर्ट के आधार पर व्यापक कार्रवाई की जा सकती है. रिपोर्ट में दिखाए गए बयानों के आधार पर जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उस अधिकारी और आरोपित पर गाज गिरनी निश्चित है. वहीं इस जांच रिपोर्ट को लेकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि नीचे से ऊपर तक के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा की गई लापरवाही पर कार्रवाई की जा सकती है.

कल 6 सेवादारों को किया गया था गिरफ्तार

यूपी के हाथरस में भगदड़ मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं. इनकी पहचान राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव और मंजू देवी के तौर पर हुई है. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ये लोग आयोजन समिति से जुड़े थे. इससे पहले भी उन्होंने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है. इन लोगों का काम भीड़ को पंडाल में एकत्र करना था.

Also Read: ब्रिटेन चुनाव में ऋषि सुनक की हार, 14 साल बाद सत्ता में लौटी लेबर पार्टी …. 

कैसे हुआ था हादसा ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भोले बाबा के सत्संग में करीब सवा लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे. ऐसे में सत्संग खत्म होने के बाद हर किसी को निकलने की जल्दी थी, क्योंकि पांडाल में लोग भारी भीड़ की वजह से गर्मी और उमस से लोग परेशान थे. वहीं सत्संग समाप्त होते ही बाबा का काफिला भी निकल पड़ा . ऐसे में भक्त बाबा के दर्शन करना चाहते थे और उनकी गाड़ी पर पड़ी धूल और उनके चरण रज लेने के लिए लोग गाड़ी के पीछे भागने लगे.

जिस सड़क पर बाबा का काफिला जा रहा था उस पर ही बगल में 5 से 6 फीट की खाई थी.ऐसे में लोग बढ़ती भीड़ में संभल नहीं पाए और खाई में गिरने लगे. साथ ही, बारिश की वजह से सड़क के किनारे खेत में पानी और कीचड़ भी था. भागते हुए लोग कीचड़ में गिर गए. वहीं पीछे से आ रही भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. इसमें खासकर महिलाओं और बच्चों के ऊपर से लोग चले गए और देखते ही देखते वहां शवों की कतार लग गई.

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More