सिगरा स्टेडियम मामला, कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन, कलेक्ट्रेट पर जमकर किया प्रदर्शन
वाराणसी- सम्पूर्णानंद स्टेडियम के कथित नाम बदलने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं. एक ओर जहां सोमवार को इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया था, वहीं मंगलवार को कांग्रेस ने इस मामले को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन करने के बाद राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा.
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में मंगलवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां उन्होंने जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सत्ता पक्ष द्वारा स्टेडियम का नाम बदलकर काशी की गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है. इस दौरान राघवेंद्र चौबे ने कहा कि स्टेडियम के उद्घाटन के साथ ही स्टेडियम से जुड़ा सम्पूर्णानन्द जी का नाम हटा दिया गया, जो काफी आपत्तिजनक एवं शर्मनाक ही नहीं बल्कि काशी एवं उसकी गौरवशाली विरासत का अपमान भी है. सरकार के इस पूर्णित कार्य से काशी के लाखों लोग आहत हुए हैं और दुखी हैं.
काशीवासियों के भावनाओं का अपमान…
उन्होंने आगे कहा कि सम्पूर्णानन्द जैसे लोकप्रिय मनीषी, राजनेता का नाम किसी प्रतिष्ठान से हटा दिया जाना महज उनका एवं काशीवासियों के भावनाओं का ही अपमान नहीं बल्कि काशी की विद्वत आचार्य परम्परा और सत्य, त्याग, नैतिक मूल्यों ईमानदारी आदि के आदर्श राजनीति के प्रेरणास्पद विरासत और आजादी के लडाई के सेनानियों का भी अपमान है. दुर्भाग्य से इसे उस दल एवं उसकी सत्ता से जुड़े लोग नहीं समझ पाते हैं, जो लौहपुरुष सरदार पटेल गुजरात स्टेडियम, भोटेश अहमदाबाद तक का भी नाम बदल कर नरेन्द्र मोदी स्टेडियम करने की धृष्टता करते हैं.
काशी के लाखों लोग हुए दुखी…
ज़िलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा कि विडम्बना यह है कि जिन सम्पूर्णानन्द जी का बनारस का वैदिक नामकरण ‘वाराणसी’ करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा. उस वाराणसी नाम का आड़ लेकर आज एक स्टेडियम से सम्पूर्णानन्द जी का नाम हटा दिया गया. प्रधानमंत्री जी खुद के हाथों से किये गए बाबू सम्पूर्णानन्द जी का नाम हटाने के इस गलत कार्य एवं उससे काशी के लाखों लोगों के हुए दुख का संज्ञान ले और सम्पूर्णानन्द स्पोर्टस स्टेडियम नाम फिर से बहाल किये जाने का निर्देश दें. यह भूल सुधार नैतिक धर्म है और काशी की भावनाओं के सम्मान का तकाजा है. कांग्रेस पार्टी इस अनैतिक काम का जहां पुरजोर विरोध करती है, वहीं इस विरोध को एक आन्दोलन बनाने का काम करेगी. इस दौरान कांग्रेस नेताओं में भारी आक्रोश देखा गया. उन्होंने जल्द से जल्द इसका नाम सही करने की मांग की.
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इनकी रही उपस्थिति…
प्रशासन को ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद पांडेय, अनिल श्रीवास्तव फसाहद हुसैन, बाबू विनोद सिंह, कल्लू, सतनाम सिंह, अशोक सिंह, पीयूष श्रीवास्तव, वकील अंसारी, राजेश गुप्ता सहित अन्य कांग्रेस के नेता उपस्थित रहे. ज्ञापन देने के पश्चात जिला मुख्यालय पर कांग्रेस जनों ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पार्षद शंभू नाथ बाटुल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.