शिवराज सिंह बोले: रेप करने वालों को मिलेगी ‘सजा-ए-मौत’!
भारत में महिलाओं के साथ हो रहे रेप (Rape) और गैंगरेप जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए सरकार नए-नए क़ानून बनाती जा रही है लेकिन, ख़ास बात ये है कि कुछ जानवर सोच वाले लोगों पर इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है। इस बीच मध्यप्रदेश सरकार, अपने राज्य में ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए बेहद सख्ती के साथ एक नया कानून बनाने जा रही है।शिवराज सरकार कानून में बड़ा संशोधन करते हुए यह तय किया है कि, अगर किसी 12 साल तक की लड़की के साथ दुष्कर्म और किसी भी महिला के साथ गैंगरेप के सभी आरोपियों को सजा-ए-मौत यानी फ़ासी दे दी जाएगी।
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शिवराज सिंह ने अधिकारिओं से बात की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस के आला अफसरों के साथ शनिवार देर रात को लंबी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद दंड विधि (मप्र संशोधन विधेयक) के अहम संशोधनों को मंजूरी दे दी। हालांकि, कुछ अफसरों ने फांसी की सजा को सख्त बताया, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि “दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान जरूरी है”। मुख्यमंत्री का पक्ष सुनने के बाद सभी अधिकारी फांसी की सजा पर राजी हो गए।
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राष्ट्रपति से की जाएगी दरख्वास्त
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम चार बजे शिवराज कैबिनेट की एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में दंड संहिता संशोधन का मसौदा रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित कर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को बड़ी ही गंभीरता से लिया गया है, नए कानून में इसमें भी सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है।
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सजा देने के कुछ निम्न प्राविधान
1- आजीवन सजा 14 साल नहीं बल्कि पूरी जिंदगी होगी।
2- सार्वजनिक स्थानों पर महिला की बेइज्जती करने, छेड़खानी, पीछा करने, फब्तियां कसने व अभद्र इशारा करने जैसे मामलों में भी सजा सख्त होगी।
3- धारा 354 ए, 354बी, 354सी, 354डी में जमानत देने से पहले अदालत लोक अभियोजक का पक्ष जरूर सुना जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि, शिवराज कैबिनेट की पिछली बैठक में ही इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा गया था, लेकिन कुछ मंत्रियों के विरोध के चलते इस टाल दिया गया था। मंत्रियों ने कहा था कि आरोपी फांसी के डर से पीड़िता की हत्या कर सकता है।