मुस्लिम देश में शिव का धाम, जानें क्या है इतिहास ?
एक मुस्लिम राष्ट्र में हिन्दू देवी – देवताओं का मंदिर होना अपने आप में काफी हैरानी की बात है. अमूमन देखा जाता है कि हिन्दू देवी देवताओं के मंदिर और किस्से कहानियां भारत या फिर एशिया महाद्वीप में आने वाले देशों में पाए जाते हैं. वहीं आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो मंदिर न सिर्फ मुस्लिम राष्ट्र में स्थित है बल्कि अफ्रीका महाद्वीप में आने वाले देश में बना हुआ है. इस मंदिर को गोब्केश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.
इसके साथ ही यह एक बड़ा सवाल है कि एक ऐसा देश जो दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, वहां पर हिन्दू देवता का होना हैरानी की बात है. साथ ही इस मंदिर का इतिहास क्या रहा होगा, स्थापना किसने की होगी और यह कहां स्थित है ये सब हम आपको बताने जा रहे हैं…
कहां स्थित है गोब्केशर महादेव मंदिर ?
गोब्केश्वर महादेव मंदिर अफ्रीका महाद्वीप के केन्या देश के नौम्बासा की गुफा में स्थित है. इसके साथ ही यह यहां पर एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों में से एक माना जाता है. वैसे तो आपको नाम से अंदाजा लग ही गया होगा कि यह मंदिर किस को समर्पित है फिर भी आपको बता दें कि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यहां पर काले रंग के शिवलिंग की पूजा अर्चना की जाती है.
मुस्लिम राष्ट्र में स्थापित हुआ शिव मंदिर, जानें कहानी ?
इस मंदिर की निर्माण को लेकर बताया जाता है कि, आज से करीब दौ साल पहले की बात है जब वहां के स्थानीय एक अफ्रीकन व्यक्ति जो गाय चराया करता था, और गोचालकों का अधिकारी हुआ करता था. वह अक्सर एक स्थान पर अपनी गायों को चराने के लिए पहुंचाता था. वहां उसकी एक गाय जो दूध नहीं देती थी वहां वह दूध दे दिया करती थी. ऐसा कई बार होने के बाद उसे कुछ संदेह हुआ तो उसने इस जगह की पर खुदाई शुरू कर दी. खुदाई में उस चरवाहा को एक गुफा नजर आई. जब वह गुफा के अंदर गया तो, वहां उसे एक भव्य शिव मंदिर मिला. तब से ही यह मंदिर शिव मंदिर के तौर पर पूजा जा रहा है.
कैसे पड़ा इस मंदिर का नाम ?
आपको बता दें कि, क्योंकि इस मंदिर की पहचान करवाने वाला व्यक्ति गौ चरवाहा था. सुहेली भाषा में गाय को गोमबेश कहा जाता है. यही वजह रही कि इस मंदिर का नाम गोब्केश्वर महादेव मंदिर रखा गया.
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मंदिर की वास्तुकला
यह मंदिर नौम्बासा नामक स्थान पर एक गुफा के अंदर स्थित है. यहां शिव भगवान के दर्शन करने के लिए एक गुफा से होकर गुजरना पड़ता है, जिसके चारों तरह चट्टाने नजर आती है. वहीं कुछ दूर अंदर चलने के बाद सामने एक खुला स्थान नजर आता है जहां से समुद्र का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. वहीं दूसरी तरह यहां भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है. यहां पर आज भी कई सारे लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं.
गोब्केश्वर महादेव मंदिर न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि यह एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र है, जो स्थानीय हिंदू समुदाय को एक साथ लाता है. यह मंदिर विश्वास, एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति को केन्या में बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां स्थानीय समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हुई है.