शरद यादव को राज्यसभा सचिवालय से नोटिस

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जनता दल युनाइटेड (जद-यू) के असंतुष्ट नेता शरद यादव और अली अनवर अंसारी को राज्यसभा सचिवालय से कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा गया है कि क्यों न ‘पार्टी छोड़ने के आधार’ पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाए। यह नोटिस जद-यू की याचिका पर जारी किया गया है। इस नोटिस में दोनों सांसदों को राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू के समक्ष 30 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।

याचिका में सदस्यता खत्म करने की मांग की गई थी

नोटिस में कहा गया, “आर. सी. पी. सिंह, सदस्य और राज्यसभा में जद-यू नेता द्वारा दायर की गई याचिका के संबंध में, जिसमें आपकी राज्यसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है, सभापति ने यह फैसला लिया है कि इस मामले में कोई फैसला करने से पहले आपको अपना पक्ष रखने का अवसर मिले तथा आपकी बात वह व्यक्तिगत रूप से सुनें ।”

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2022 तक है शरद यादव का कार्यकाल

अंसारी का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में पूरा हो रहा है, यादव का कार्यकाल 2022 के अंत तक है। इस साल जुलाई में गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से रिश्ता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जाने पर दोनों नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग हो गए थे और अपनी पार्टी बनाकर दावा किया कि वही असली जद-यू है।

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मामले को निपटाने का किया फैसला

उसके बाद जद-यू ने दोनों नेताओं को राज्यसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की याचिका दाखिल की थी।ऐसे मामले आमतौर पर प्रारंभिक जांच के लिए पहले राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजे जाते है, लेकिन राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू, जो सक्षम प्राधिकारी हैं, ने इस मामले को खुद निपटाने का फैसला किया है।

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