कांग्रेस के वाघेला ने राजनीति से लिया संन्यास
गुजरात के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने आज अपने जन्मदिन के समारोह सम्मेलन में ऐलान करते हुए राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। वाघेला ने कहा कि आगे वो कोई पार्टी भी नहीं बनाएंगे न ही किसी पार्टी का दामन थामेंगे। वाघेला विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
आप को बता दें कि शंकर सिंह वाघेला गुजरात राजनीति के बहुत ही अहम चेहरा माने जाते हैं। वाघेला ने एक बयान में आज कहा कि उनको 24 घंटे पहले ही कांग्रेस से निकाल दिया गया था। उधर कांग्रेस की एक और वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने भी अपना पद छोड़ने की बात कही है। मालूम हो कि गुजरात में इसी साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वाघेला के संन्यास लेने से कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
वाघेला ने आगे कहा कि वह आम लोगों के लिए सार्वजनिक जीवन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों के लिए ‘नीलकंठ’ बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘भगवान शंकर ने मुझे विष पीना सिखाया है।’ आगे उन्होंने कहा कि अगर यही किस्मत में लिखा है तो वह लोगों के लिए जहर का घूंट पीने को तैयार हैं।
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अपनी राजनीति पर चल रही अटकलों को साफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘अभी मैं 77 पर नॉटआउट हूं। बापू कभी रिटायर नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का निर्णायक मौका है। पूर्व बीजेपी नेता वाघेला ने खुद के आरएसएस से जुड़ने की कहानी भी सुनाई।
उन्होंने बताया कि आरएसएस ने सेवा करना सिखाया। उन्होंने पीएम मोदी और गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल को संगठन से जोड़ने का भी श्रेय लिया। उन्होंने कहा, ‘हम एमपी और एमएलए बनाने वाले हैं।’ उन्होंने बताया कि किस तरह आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत से 1995 में बीजेपी की सरकार बनी।
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