ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारतीय दवा निर्माता डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज को रूस की ओर से बनाई गई स्पुतनिक-5 वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉ.रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने 16 सितंबर को भारत में स्पुतनिक-5 कोविड-19 वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल (नैदानिक) परीक्षणों और वितरण पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की थी।
स्पुतनिक-5 वैक्सीन को रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और गेमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, जिसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. वी. प्रसाद ने एक बयान में कहा, “यह एक महत्वपूर्ण विकास है, जो हमें भारत में नैदानिक परीक्षण शुरू करने की अनुमति देता है और हम महामारी से निपटने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने इस संबंध में जारी एक बयान में कहा था, “भारत में नियामक अनुमति के आधार पर आरडीआईएफ डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकों की सप्लाई करेगा।”
बयान में आगे कहा गया, “स्पुतनिक-5 वैक्सीन कोरोनावायरस महामारी के लिए क्लिनिकल परीक्षणों के दौर में है। सफल परीक्षण और भारत में नियामक प्राधिकारियों द्वारा वैक्सीन का पंजीकरण के पूरा होने के बाद डिलीवरी 2020 के अंत में शुरू हो सकती है।”
आरडीआईएफ ने कहा कि डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज के साथ इसका समझौता इस बात को प्रदर्शित करता है कि देश और संगठन अपनी जनता को कोरोनावायरस महामारी से बचाने के लिए जागरूक हैं।
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