गठबंधन को लेकर बसपा से झटका मिलने पर सुभासपा नेता बोले- हमने कोई संपर्क नहीं किया
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन की इच्छा अधूरी रह गई है. बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने बीते सोमवार को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को स्वार्थी और अवसरवादी करार देते हुए तगड़ा झटका दिया. इसके बाद सुभासपा की तरफ से बसपा को लेकर नया बयान आया है. सुभासपा नेता और ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने ना तो बसपा से कोई संपर्क किया है और ना ही गठबंधन के बारे में कोई बातचीत हुई है.
दरअसल, सोमवार को बसपा नेता आकाश आनंद ने अपने ट्विटर हैंडल से सुभासपा को लेकर एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने राजभर का नाम लिए बिना लिखा ‘बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय मायावती जी के शासन, प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है. लेकिन कुछ अवसरवादी लोग भी बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं. ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.’
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय @Mayawati जी के शासन,प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है।
लेकिन कुछ अवसरवादी लोग भी बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) July 25, 2022
सुभासपा की भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर अरुण राजभर ने कहा ‘कुछ समय दीजिए. इस विषय में हम अभी कुछ नहीं कह सकते. हम अभी पार्टी के बस्ती मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. दो-तीन दिन बाद हम अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे. अगर हम अभी अपनी रणनीति बता देंगे तो यह नाकाम हो जाएगी.’ क्या सुभासपा एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाएगी? इसके जवाब में अरुण राजभर ने कहा कि इस समय इस बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा.
बता दें यूपी विधानसभा चुनाव में सुभासपा के सपा से रिश्ते खराब होने के बाद राजभर ने रविवार को जौनपुर में कहा था कि उनका व्यक्तिगत रुप से मानना है कि अब बसपा की तरफ हाथ बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श करके ही लिया जाएगा. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों ओमप्रकाश राजभर को एक पत्र जारी कर कहा था कि उन्हें जहां ज्यादा सम्मान मिलता दिखे, वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.