Sant Ravidas Jayanti: तैयारियां जोरों पर, सेवादार पहुंचे सीरगोवर्धनपुर

22 फरवरी को है संत गुरू रविदास की जयंती, श्रद्धालु लगाएंगे हाजिरी और जगाएंगे अलख

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वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में श्री गुरु रविदास जयंती समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. जन्मस्थली तक पहुंचने वाले विभिन्न मार्गों को दुरुस्त करने का काम अंतिम चरण में है. वहीं करीब डेढ़ हजार सेवादार पहुंच गए थे. इसके साथ ही अन्य सेवादारों के आने का सिलसिला जारी है. सेवादारों में गुरू के प्रति भक्ति और उत्साह देखते ही बन रहा है. सभी पुरुष और महिला सेवादार अपने-अपने कार्य में तल्लीन दिखे. कोई सफाई कर रहा है तो कोई सिर पर निर्माण सामग्री उठाकर सहयोग कर रहा है. कहीं सेवादार टेंट बना रहे हैं तो कहीं साफ-सफाई हो रही है. महिलाएं मंदिर में गुरू के दर्शन करने के बाद पंडाल में जा रही थीं. इसके बाद भक्तों के लिए चल रहे लंगर में सेवाएं दे रही हैं. गुरु रविदास का जयंती समारोह 22 फरवरी को सीर गोवर्धनपुर में मनाया जाएगा. इसमें शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आ रहे हैं.

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स्पेशल ट्रेन बेगमपुरा से आएंगे संत निरंजन दास

ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास महाराज 20 फरवरी को स्पेशल ट्रेन से वाराणसी पहुंचेंगे. ट्रस्टी केएल श्रोवा ने बताया कि गुरुजी अनुयायियों संग स्पेशल ट्रेन बेगमपुरा एक्सप्रेस से आएंगे. उनका कैंट स्टेशन पर स्वागत किया जाएगा.

जयंती समारोह में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री होंगे शामिल

वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस वर्ष भी रविदास जयंती समारोह में शामिल होने आ रहे हैं. इसके साथ ही ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, चंद्रशेखर आजाद रावण, मायावती सहित अन्य राजनेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के आने की सूचना रविदास मंदिर के ट्रस्टी को मिल चुकी है. पीएम और सीएम के आगमन के मद्देनजर शासन-प्रशासन तैयारियों को भव्य रूप देने में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है.

मिनी पंजाब में तब्दील हो जाएगा सीरगोवर्धनपुर

गुरु रविदास की जयंती पर देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचेंगे. लगभग चार से पांच लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इनमें सबसे ज्यादा श्रद्धालु पंजाब से हैं. श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद पूरा क्षेत्र मिनी पंजाब के रूप में तब्दील हो जाता है. रविदास मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और सेवादारों के रहने और भोजन आदि की व्यवस्था निशुल्क रहती है. श्रद्धालुओं के लिए टेंट आदि बनाने का काम वाराणसी के साथ कोलकाता के कारीगर कर रहे हैं. अटूट लंगर की व्यवस्था मंदिर की तरफ से की गई है. यहां पर तीन दिनों तक श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं.

एसपीजी के हवाले होगी व्यवस्था, पुष्प वर्षा से होगा स्वागत

रविदास मंदिर की व्यवस्था 22 फरवरी को एसपीजी के हवाले हो जाएगी. एसपीजी और ट्रस्टी तय करेंगे कि विशेष अवसरों पर मंदिर में कौन-कौन रहेगा और कौन नहीं. इसके अलावा केंद्रीय और स्थानीय खुफिया एजेंसियां अभी से सक्रिय हो गई हैं. श्रीराम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार प्रधानमंत्री काशी आ रहे हैं. ऐसे में लोगों में काफी उत्साह का माहौल है. प्रधानमंत्री जिन मार्गों से सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगे वहां-वहां पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया जाएगा.

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