समलैंगिकों पर हुए अत्याचार की होगी जांच

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रूस के अधिकारी चेचन्या में समलैंगिक लोगों के साथ अत्याचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को मीडिया रिपोर्टों में इसकी जानकारी दी गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी गणराज्य में दर्जनों लोग न्यायेतर हिरासत में लिए गए हैं। चेचन्या में पिछले कई महीनों से जारी समलैंगिक लोगों के खिलाफ अभियान के तहत उनका उत्पीड़न किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वजह से कई समलैंगिक इलाका छोड़कर भाग गए हैं और रूस के अन्य क्षेत्रों में छिपे हैं या विदेश चले गए हैं।  इस खबर को सबसे पहले रूस के अखबार नोवाया गजेटा ने प्रकाशित किया था। गार्डियन अखबार ने इसकी पुष्टि की, जिसमें बताया गया कि चार समलैंगिक लोगों को इस अभियान में पकड़ा गया है।

पकड़े गए इन लोगों में से एक को गुप्त जेल में एक हफ्ते से ज्यादा समय तक बुरी तरह से पीटा गया और बिजली के झटकों से यातनाएं दी गईं।  इस महीने की शुरुआत में, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इन खबरों की एक मुकम्मल जांच कराने का अनुरोध किया था।

मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की जो इस समलैंगिक विरोधी अभियान के और ज्यादा साक्ष्य देती है।  इस संगठन ने बताया कि तीन लोगों ने उसे बताया कि चेचन्या के उच्चस्तर के अधिकारियों की उपस्थिति में उनका उत्पीड़न किया गया।

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मीडिया  रिपोर्ट के अनुसार, समलैंगिकता चेचन्या में बड़े स्तर पर निषेध है और कई को इस बात का डर रहता है कि अगर वे सार्वजनिक रूप से यह बात बता दें तो खुद उनका परिवार उनके साथ हिंसा पर उतारू हो जाए।

चेचेन नेता रमजान कादिरोव ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने अप्रैल में एक साक्षात्कार में कहा था कि चेचन्या में ‘कोई समलैंगिक पुरुष नहीं है।’  उन्होंने कहा, “ये प्रचलित चीजें नहीं है, मानसिक रूप से ये अस्वाभाविक चीजें हैं। हम इन्हें नहीं समझते। हमारे लोग इन्हें नहीं समझते।”

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