वो अपने कहावत तो सुनी ही होगी न कि “दो की लड़ाई में तीसरा ले उड़ा” इस समय भारत कुछ इसी तरह लुफ्त उठा रहा है, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे वॉर से दुनिया के मानचित्र में तेल के खेल का सबसे बड़ा खिलाड़ी भारत बनकर उभर रहा है. जब से अमेरिका और यूरोप ने रूस पर प्रतिबंध लगाए और तेल की कीमतों पर लगाम लगाया. लेकिन भारत ने उसी तेल को मांगकर अपनी इकॉनमी को सवार लिया. वहीं इससे सीधा फ़ायदा मुकेश अंबानी जैसे दुनिया के बड़े ऑयल रिफाइनर उठा रहे हैं और दबा के मुनाफा कर रहें हैं. मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. साथ ही विंडफॉल टैक्स में भी कटौती की हुई है, जिसका सीधा फायदा मुकेश अंबानी और देश के बाकी प्राइवेट ऑयल एक्सपोर्टर्स को हो रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में भारत और मुकेश अंबानी जैसे ऑयल रिफाइनर्स को कैसे प्रॉफिट हो रहा है.
एक्सपोर्ट में भारी उछाल…
रूस यूक्रेन वॉर के रूसी तेल पर प्रतिबंध लग गया और यह बैन अमेरिका और यूरोप ने खुद लगाया. जबकि यूरोप गैस और ऑयल पर रूस पर ही निर्भर है. इसका फायदा भारत ने उठाया. भारत ने सस्ता रूसी तेल इंपोर्ट करना शुरू कर दिया और उसे रिफाइन कर यूरोप और अमेरिका के बाजारों में एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया. इस वॉर के बार से पेट्रोलियम प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट में 572 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है.
जब से रूस वॉर में कूदा है और प्रतिबंध लगे हें भारत ने रूसी तेल का निर्यात 1.7 मिलियन बैरल से बढ़ाकर 63.3 मिलियन बैरल कर लिया है. यूरोपीय यूनियन की रिपोर्ट के अनुसार वॉर से पहले इंडियन ऑयल बास्केट में रूसी तेल की हिस्सेदारी 0.2 फीसदी जो मई 2023 के महीने में बढ़कर 36.4 फीसदी हो गई. अगीर बात यूरोप को एक्सपोर्ट करने की करें तो वॉर से पहले जनवरी 2022 में भारत ईयू को 1.1 मिलियन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करता था जो इस साल अप्रैल के महीने तक बढ़कर 7.4 मिलियन बैरल पर आ चुका है.
रिलायंस है अमेरिका और यूरोप की बड़ी निर्यातक…
एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी का भारत में दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है. जिसके बूते से भारत हर रोल 5 मिलियन बैरल प्रति पेट्रो प्रोडक्ट्स का निर्यात करता है. नायरा की भी रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरीज में से एक है. मौजूदा समय में दोनों ही कंपनियां अमेरिका और यूरोप की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर बनी हुई है. दोनों कंपनियां अमेरिका और यूरोप को तेल बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं. मतलब साफ है कि भारत और मुकेश अंबानी को रूस यूक्रेन वॉर का मोटा फायदा मिल रहा है.
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