मणिपुर के पूर्व सीएम के घर पर रॉकेट से हमला, एक की मौत, पांच लोग घायल…
मणिपुर एक बार फिर जल रहा है. हिंसा है की थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को मणिपुर के विष्णुपुर में पूर्व सीएम मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर उग्रवादियों ने एक रॉकेट से हमला कर दिया, घऱ की छत पर रॉकेट गिरने से हुए धमाके की चपेट में आकर एक बुजुर्ग की मौत हो गई है, वहीं पांच से ज्यादा लोग जख्मी हो गए है. बताया जा रहा है कि, हादसे में मारे गए बुजुर्ग पुजारी का काम करते थे, उनकी उम्र 70 साल थी. यह भी बताया जा रहा है कि पुजारी किसी एक धार्मिक समारोह की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक से छत पर रॉकेट के छर्रे से उनकी मौत हो गयी.
मोइरांग में पूर्व सीएम मैरेम्बम कोइरेंग का आवास बना हुआ है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि, एक बुजुर्ग व्यक्ति आवास परिसर में शुक्रवार को धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी कर रहा था. इसी समय एक रॉकेट आकर गिरा, जिससे उसकी मौत हो गयी. वहीं 13 वर्षीय लड़की सहित विस्फोट में पांच अन्य लोग घायल हुए हैं. शुक्रवार को जिले में दूसरा रॉकेट भी दगा गया था. इससे पहले इम्फाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर ट्रोंगलाओबी में एक रॉकेट दागा गया था.
रॉकेट के छर्रे से बुजुर्ग की मौत
70 वर्षीय पुजारी मोइरंग फीवांगबाम की लेईकाई के आरके रबेई घर में एक धार्मिक समारोह की तैयारी करते समय छत पर कच्चे रॉकेट के छर्रे लगने से मौत हो गयी. तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय सेना के मुख्यालय से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर कोइरेंग सिंह के परिवार का घर था, जहां 14 अप्रैल, 1944 को लेफ्टिनेंट कर्नल शौकत अली ने पहली बार तिरंगा फहराया था. रॉकेट हमलों ने इंफाल घाटी में तनाव पैदा कर दिया है. वही 13 वर्षीय शेरिना मैरेम्बम भी हमले में घायल हुई है, इसके अलावा चार अन्य लोग घायल हुए है, जिसमें नगांगोम इबोबी, सलाम नानाओ, राजीव उर्फ बोबो और जुगेंद्रो कोन्जेनबाम नामक लोग शामिल है.
रॉकेट जहां गिरा, वहां से करीब दो किलोमीटर दूर आजाद हिंद फौज (INA) मुख्यालय है. 14 अप्रैल 1944 को INA के सर्वोच्च कमांडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने मोइरांग में स्वतंत्र भारत का झंडा पहली बार फहराया था.
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मानव श्रृंखला के जरिए ड्रोन हमलों का हुआ विरोध
शुक्रवार को इम्फाल घाटी के पांच जिलों में हजारों लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई और रैलियों में भाग लिया था. इससे लोगों ने मणिपुर में हुए ड्रोन हमलों और अन्य हमलों का विरोध जताया था. साथ ही लोगों ने राज्य में चल रहे संघर्षों से निपटने के तरीके पर असंतोष जताया है. वही स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी मणिपुर अखंडता संबंधी समन्वय समिति द्वारा आयोजित इस रैली में भाग लिया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्य बाजार बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं चले.
स्कूल बंद की उठी मांग
बीजेपी नेतृत्व वाली राज्य सरकार को नागरिकों पर हमले का दोषी ठहराया जा रहा है, वही संगठन ने मांग की कि जब तक अधिकारी कानून और व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं लेते तब तक सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए जाएं. 1 सितंबर को इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में आतंकवादियों ने विस्फोटक गिराए थे. जिनमें से एक हमले में भारत राष्ट्रीय बटालियन के तीन बैरक क्षतिग्रस्त हो गए. केंद्रीय और राज्य सरकारों ने हवाई हमलों से निपटने के लिए NSG से सलाह मांगी है