मुंहमांगी मुराद, कंपनियां कोरोना की आड़ में रोबोट को बढ़ावा दे रहीं?
कंपनियां रणनीति के तहत आदमियों के बदले रोबोट की तैनाती कर रहीं
वाशिंगटन : कोरोना महामारी ने एक और संकट ला खड़ा किया है और कंपनियां बड़े पैमाने पर श्रमिकों की छंटनी कर रोबोट Robot को काम पर लगा रही हैं। एक महामारी का कैसे उपयोग अपने हक में किया जा सकता है, इसे इन मल्टी नेशनल कंपनियों से सीखा जा सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियां Robot को अधिकाधिक काम पर लगा रही हैं। इस तरह कोरोनोवायरस संकट का पूरा का पूरा फायदा उठाने की जुगत में ये कंपनियां लग गयी हैं।
रोबोट को आदमियों की जगह काम पर लगाया जा रहा
यह महामारी बताती है कि किस तरह रोबोट को आदमियों की जगह काम पर लगाया जा रहा है। महामारी ने Robot तैनाती के काम में पहले से तिगुनी तेजी पकड़ ली है।
“लोग आमतौर पर कहते हैं कि वे आपसी बातचीत के लिए सहयोगी या मित्र चाहते हैं लेकिन कोविड -19 ने इसे बदल कर रख दिया है,” मार्टिन फोर्ड भविष्य के बारे में कहते हैं, आने वाले दशकों में Robot को अर्थव्यवस्था में किस कदर समाहित कर लिया जायेगा, यह समझना मुश्किल नहीं।
कर्मचारियों की संख्या में कटौती
“कोविड -19 उपभोक्ता प्राथमिकता को बदलने जा रहा है और वास्तव में स्वचालन की प्रक्रिया के नये द्वार खोल रहा है।”
बड़ी और छोटी कंपनियां इस रणनीति पर काम कर रही हैं कि कैसे वे सामाजिक दूरी के नाम पर अपने कर्मचारियों की संख्या को ज्यादा से ज्यादा कम कर सकती हैं। वे Robot का उपयोग बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही हैं। लॉकडाउन ने उन्हें मुंहमांगी मुराद दे दी है। Robot का उपयोग बढ़ाने की दिशा में ये कंपनियां लगातार काम कर रही हैं ताकि कर्मचारियों को घर से काम करने पर आने वाला खर्च और वेतन से उन्हें मुक्ति मिल जाये।
वॉलमार्ट ने अपनायी ये रणनीति
इस काम में अग्रणी भूमिका अमेरिका के सबसे बड़े रिटेलर वॉलमार्ट ने अपनायी है जिसने अपने फर्श साफ करने के लिए Robot का इस्तेमाल बढ़ा दिया है।
दक्षिण कोरिया में Robot का उपयोग तापमान मापने और हाथ सेनेटाइज करने के लिए किया जा रहा है ऐसे में कर्मचारियों की नौकरियों पर बन आयी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सन् 2021 में भी कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिग की नीति का पालन करना होगा, ऐसे में Robotकी मांग तेज हो गयी है।
रोबोट क्लीनर लाओ
सफाई और स्वच्छता सामग्रियों का उत्पाद बनाने वाली कंपनियों में रोबोट की मांग तेज हुई है।
डेनमार्क की एक कंपनी ने सैकड़ों यूवीडी पराबैंगनी-प्रकाश-किटाणुशोधन रोबोट की सप्लाई चीन और यूरोप के कई अस्पतालों को की है।
किराने का सामान बेचने वाली शॉप और रेस्तरां में इन मशीनों की मांग तेज हुई हैं।
Robot की मांग बढ़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे जैसे लॉकडाउन के बाद कारोबार तेज होगा उम्मीद है कि Robot की मांग बढ़ेगी। ऐसा भी हो सकता है कि आप रोबोट को अपने स्कूलों या कार्यालयों को साफ करते हुए देखें।
द कस्टमर ऑफ द फ्यूचर की लेखक ब्लेक मॉर्गन कहती हैं, “ग्राहक अब अपनी और हेल्थ कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के नजरिये से रोबोट की अधिक डिमांड कर सकते हैं।”
“स्वचालन की ओर कदम बढ़ाने से ग्राहक भी खुश रहेंगे और साथ ही जो भी कर्मचारी काम करेंगे उन्हें स्वस्थ भी रखा जा सकेगा। ऐसा भी हो सकता है कि ग्राहक ऐसी कंपनियों को पुरस्कृत करें।”
ऐसा नहीं है कि सभी काम रोबोट ही कर पायेंगे। सुश्री मॉर्गन बताती हैं कि किराने के सामानों के स्वचालित चेकआउट के लिए रोबोट का प्रयोग बढ़ सकता है पर कैश संबंधी जटिल काम के लिए लोग बाग कैशियर जैसे कर्मचारियों पर ही भरोसा करेंगे।
सोशल डिस्टेंसिंग में मशीनें कारगर
सोशल डिस्टेंसिंग में ये मशीनें काफी कारगर साबित होंगी। खाद्य सर्विस एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां आदमियों के मुकाबले रोबोट को तरजीह मिलेगी क्योंकि सफाई व स्वास्थ्य के मामले में ये मशीनें आदमियों से बेहतर हैं।
फास्ट फुड चेन जैसे मैक्डोनाल्ड खाना बनाने और सर्विस के लिए इन रोबोट पर काफी भरोसा कर रही हैं।
ऐमेजॉन और वॉलमार्ट जैसी धुरंधर कंपनियों के वेयरहाउस में रोबोट ने अपना स्थान बना लिया है। कोविड 19 संक्रमण के काल में सामानों को छांटने, गाड़ियों में लादने और पैकिंग के काम में रोबोट की भूमिकाएं अचानक ही काफी बढ़ गयी हैं।
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