संयुक्त राष्ट्र की ‘टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन रिपोर्ट 2025’ में खुलासा हुआ है कि भारत वर्ष 2023 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में निजी निवेश के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल रहा. भारत ने 1.4 अरब डॉलर (लगभग ₹11,700 करोड़) का निजी निवेश किया, जिससे वह सूची में 10वें स्थान पर रहा. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका 67 अरब डॉलर के निवेश के साथ पहले स्थान पर रहा जबकि चीन 7.8 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है.
AI निवेश में भारत 36वें स्थान पर
रिपोर्ट में भारत की तकनीकी तैयारी और अपनाने की रैंकिंग में भी उल्लेखनीय सुधार दिखा. वर्ष 2022 में जहां भारत 48वें स्थान पर था, वहीं 2024 में यह 170 देशों में 36वें स्थान पर पहुंच गया. यह रैंकिंग इंटरनेट और डिजिटल तकनीक की पहुंच, मानव संसाधनों की स्किल, शोध एवं विकास, औद्योगिक क्षमता और वित्तीय संसाधनों के आधार पर तय की गई.
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भारत की तकनीकी मजबूती
भारत में 1.3 करोड़ से अधिक डेवलपर्स हैं, जिससे यह देश एआई अनुसंधान में अग्रणी बन रहा है. सरकार की पहल पर आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी खड़गपुर जैसे प्रमुख संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं. वर्ष 2024 में ‘इंडिया एआई मिशन’ को भी मंजूरी दी गई थी, जिससे एआई क्षेत्र में नवाचार को और बल मिलेगा.
दिग्गज देशों की कतार में भारत
रिपोर्ट के अनुसार, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं के क्षेत्र में भारत और ब्राजील जैसे कुछ चुनिंदा विकासशील देश ही वैश्विक स्तर पर स्थान बना पाए हैं. गिटहब पर डेवलपर्स की संख्या के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है.
तकनीक के अन्य क्षेत्रों में भारत का दबदबा
नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की पकड़ मजबूत है. अन्य देशों में तकनीकी प्रभुत्व इस प्रकार है- जर्मनी पवन ऊर्जा में, जापान इलेक्ट्रिक वाहनों में और दक्षिण कोरिया 5G टेक्नोलॉजी में अग्रणी है.
2033 तक एआई बाजार होगा 4.8 लाख करोड़ डॉलर
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2033 तक वैश्विक स्तर पर एआई बाजार का मूल्य 4.8 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है. इसका सीधा असर रोजगार, उद्योग, अनुसंधान, और राष्ट्रीय विकास पर पड़ेगा.