ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में खुलासा, वाड्रा ने किया ये घोटाला
कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा एक बार फिर से जमीन के सौदों को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, हरियाणा की मनोहर सरकार द्वारा साल 2015 में गठित ढींगरा आयोग एक एक नया खुलासा करते हुए वाड्रा को आरोपी घोषित किया है।
आयोग ने बताया कि, वाड्रा ने हरियाणा में एक जमीन के सौदे को लेकर अवैध रुप से 50.5 करोड़ का मुनाफा कमाया था। उस डील में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ था। एक अखबार के सवालों का एक ई-मेल में जवाब देते हुए वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के वकील सुमन खेतान ने कहा कि वाड्रा और स्काईलाइट ने कोई गलत कार्य नहीं किया था और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की पूरी कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से चुकता की गयी है और इसका आयकर भी दिया गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडडा ने ढींगरा आयोग के गठन को संवैधानिक चुनौती दी थी। हुड्डा ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार के कुछ अधिकारियों ने ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को लीक कर दिया हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार ने आश्वासन रिकॉर्ड किया है कि रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जाएगी। मामले की जानकारी देने वालों का कहना है कि हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने आयोग के सामने गवाही दी थी। उन्होंने स्काईलाइट की रियल एस्टेट संबंधी क्षमताओं पर सवालों के संदर्भ में गवाही दी थी।
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अधिकारी ने कहा था कि वाड्रा एक अतिविशिष्ट व्यक्ति हैं और इस नाते के पॉस कॉलोनी बनाने की पूरी क्षमता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 20 से ज्यादा प्रॉपर्टीज की जानकारी दी गई है, जो वाड्रा और उनकी कंपनियों ने खरीदी थीं। इनमें से एक प्रॉपर्टी वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदा था।
बाद में इसके लैंड यूज में बदलाव कर इसे डीएलएफ को बेच दिया गया और इस तरह 50.5 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया गया। आयोग ने शंका जाहिर की है कि इस प्रॉफिट से दूसरी जमीन खरीदी गयी।