यूपी : मनरेगा मजदूरों की मदद के लिए 19 नदियां पुनर्जीवित करने की योजना
इन सभी नदियों का गाद हटाने पर होगा काम
लखनऊ : लॉकडाउन भले ही कई लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह 19 नदियों Rivers के लिए वरदान बनकर आया है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत इन प्रवासी मजदूरों को Rivers को पुनर्जीवित करने के काम में लगाया जाएगा। उन्होने कहा, “Rivers को नया जीवन देने के लिए मनरेगा मजदूरों को गाद हटाने के काम में लगाया जाएगा।”
वरुणा, ससुर खदेरी होंगी पुनर्जीवित
कायाकल्प की जाने वाली Rivers में सई, पांडु, मंदाकिनी, टेढ़ी, मनोरमा, वरुणा, ससुर खदेरी, अरेल, मोराओ, तमसा, नाद, कर्णावती, बाण, सोन, काली, दधी, ईशान, बूढ़ी गंगा और गोमती हैं।
उन्होंने कहा, “इनमें से अधिकांश छोटी Rivers हैं। उदाहरण के लिए, रूहेलखंड क्षेत्र में अरेल बहती है। सई नदी उन्नाव, हरदोई और लखनऊ से होकर गुजरती है। लापरवाही के कारण इनमें से कुछ Rivers लुप्त हो गई हैं। हम इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए मनरेगा कार्यबल का उपयोग करेंगे।”
वाराणसी, लखनऊ में होेगा काम
ये Rivers बहराइच, गोंडा, बस्ती, औरैया, कन्नौज, कानपुर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, कौशांबी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ, जौनपुर, लखीमपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, चित्रकूट, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मिजार्पुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज और अमरोहा जैसे 39 जिलों से होकर गुजरती हैं।
सिंचाई सुविधाएं बढ़ेंगी
मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा, हम देखेंगे कि नदियों को सिंचाई सुविधा बढ़ाने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने के लिए जोड़ा जा सकता है या नहीं।
ग्रामीण विकास विभाग जल शक्ति मंत्रालय के साथ समन्वय में काम करेगा। प्रधान सचिव (ग्रामीण विकास) की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
प्रवासी मजदूर उपलब्ध हैं
उन्होंने कहा, “हर जिले में प्रवासी मजदूर उपलब्ध हैं और श्रम की आसान उपलब्धता से परियोजना को गति मिलेगी। हम मानसून की शुरुआत से पहले काम का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर लेना चाहते हैं।”
मार्च 2017 में कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करना प्राथमिकता होगी, क्योंकि इसका कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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