एक और बैंक बैठा, ग्राहकों में मची अफरातफरी!

आरबीआई ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक के लायसेंस रद्द किए

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मुंबई : एक और बैंक बैठ गया और Reserve Bank (आरबीआई) ने इस बैंक का यानी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक के लायसेंस रद्द कर दिए हैं, क्योंकि इसकी वित्तीय हालत अस्थिर हो गई है। इससे ग्राहकों में अफरातफरी मच गयी है।

Reserve Bank ने यह निर्णय 28 अप्रैल को लिया, जो गुरुवार को कारोबारी अवधि समाप्त होने पर प्रभावी हो गया।

लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश

Reserve Bank ने शनिवार को एक बयान में कहा, “महाराष्ट्र के पुणे स्थित रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज से भी अनुरोध किया गया है कि वह सीकेपी को-ऑॅपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को कामकाज बंद करने के लिए एक आदेश जारी करे और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त कर दे।”

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बैंक की वित्तीय हालत खराब

Reserve Bank के बयान के अनुसार, बैंक की वित्तीय हालत अत्यंत प्रतिकूल और अस्थिर है। बयान में कहा गया है, “किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव या कोई ठोस रिवाइवल प्लान नहीं है। प्रबंधन की ओर से रिवाइवल की कोई विश्वसनीय बचनबद्धता नहीं दिखाई देती।”

Reserve Bank के अनुसार, बैंक अपने मौजूदा और भावी जमाकर्ताओं को भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।

किसी तरह का बिजनेस नहीं कर सकती

केंद्रीय बैंक ने कहा है, ”लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद CKP Co-operative Bank Ltd, Mumbai बैंकिंग से जुड़ा किसी तरह का बिजनेस नहीं कर सकती है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक जमा राशि को स्वीकार नहीं कर सकता है और ना ही किसी को जमा राशि का भुगतान कर सकता है।”

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पांच लाख रुपये तक की जमा राशि मिलेगी वापस

RBI ने कहा है कि लिक्विडेशन की कार्यवाही के तहत हर जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस दिए जाने का प्रावधान है। आरबीआइ ने कहा है कि डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से ये रकम लौटायी जाएगी।

टिकाऊ हालत में नहीं है बैंक

आरबीआइ ने इस बाबत विवरण देते हुए कहा कि सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति काफी प्रतिकूल है और टिकाऊ नहीं है। इसके साथ ही बैंक के पास कोई ठोस पुनरोद्धार योजना या किसी और बैंक के साथ विलय की कोई योजना नहीं है।

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