नई दिल्ली: आज पूरा देश बड़ी धूमधाम से 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की शक्ति, देश के शौर्य, नारीशक्ति, संस्कृति, विविधता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला. भारत की तीनों सेनाओं के अलावा अर्धसैनिक बलों का प्रतिनिधित्व देखने को मिला. इस दौरान मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई हस्तियां मौजूद रहीं.
आइए इस मौके पर जानते हैं गणतंत्र दिवस के बारे में 7 रोचक तथ्य…
आज ही कई दिन क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?..
क्या आप जानते हैं कि आज ही के दिन गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है. तो बता दें कि आज ही के दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था. आज ही के दिन भारत का उदय हुआ था. गणतंत्र यानी गण का तंत्र यानी जनता का तंत्र यानी जनता का शासन.
26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान?…
बता दें कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. उससे पहले ही, संविधान बनाने का काम शुरू हो चुका था. संविधान 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में तैयार हुआ. उसके बाद जनता के लिए इसे ओपन सेशंस में रखा गया जिसमें संविधान के मसौदे पर चर्चा हुई. उसके बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान आंशिक तौर पर लागू हुआ लेकिन पूरी तरह से 26 जनवरी1950 को यह प्रभाव में आया.
परेड से पहले कड़ी प्रैक्टिस…
बता दें कि 26 जनवरी 1950 को पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन हुआ. उसका नेतृत्व गोरखा रेजिमेंट के तत्कालीन ब्रिगेडियर मोती सागर ने की थी. पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. इतना ही नहीं परेड की तैयारी 6 महीने पहले शुरू हो जाती है. सभी प्रतिभागियों को औपचारिक तौर पर उनके शामिल होने के बारे में जानकारी दे दी जाती है. परेड से पहले प्रतिभागी करीब 600 घंटे की कड़ी प्रैक्टिस करते हैं.
हर साल बुलाया जाता है मुख्य अतिथि…
अब सवाल यह है कि हर साल एक मुख्य अतिथि बुलाया जाता है जो किसी भी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हो सकते हैं. इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि हैं. संयोग से 1950 के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में भी इंडोनेशिया के ही तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे.
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हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की होती है एक थीम
हर साल, गणतंत्र दिवस के लिए एक थीम तय होती ही. अलग-अलग राज्य और सरकारी विभाग इस थीम का पालन करते हैं. इस बार की झांकियों के लिए थीम है- ‘स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास’. ये झांकियां प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक विरासत जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करेंगी.
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मेजर ध्यानचंद्र स्टेडियम में हुई पहली परेड…
गौरतलब है कि भारत का पहला गणतंत्र दिवस समारोह कर्तव्यपथ पर नहीं हुआ था, तो कहां हुआ था? जवाब है मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में जो तब इरविन स्टेडियम के नाम से जाना जाता था. पहले गणतंत्र दिवस समारोह में 100 से अधिक विमानों और भारतीय सेना के 3000 कर्मियों ने भाग लिया था.