अयोध्या मामले में SC के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल

0

अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम संस्था की ओर से आज रिव्यू पिटिशन दाखिल कर दी गई है।
जमीयत-उलेमा-ए हिंद की ओर से यह रिव्यू पिटिशन फाइल की गई है।
पहले ऐसी खबर थी कि बाबरी विवाद की बरसी पर 6 दिसंबर को जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले में फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा।
जमीयत की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका में फैसले में मौजूद अंतर्विरोधों को आधार बनाया गया है।

याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद ने दाखिल की

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई। यह याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद ने दाखिल की है।
वहीं ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि हम पुनर्विचार याचिका आज दाखिल नहीं करेंगे।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जफरयाब जिलानी ने कहा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष (अयोध्या मामले में) रिव्यू पिटीशन दायर नहीं करेंगे।
हमने रिव्यू पिटीशन तैयार कर ली है और हम इसे 9 दिसंबर से पहले किसी भी दिन फाइल कर सकते हैं।
मौलाना सैयद अशद रशीदी ने बताया कि अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।

आध्यात्मिक गुरु श्री रविशंकर ने “दोहरा मानदंड” करार दिया

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने “दोहरा मानदंड” करार दिया।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को आगे बढ़ना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्य रहे आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि मामला काफी पहले सुलझा लिया गया होता, अगर एक पक्ष विवादित जगह पर मस्जिद बनाने पर न अड़ा रहता।
भारत में मौजूदा आर्थिक संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More