रावण की यूं तो दो पत्नियां थीं, लेकिन कहीं-कहीं तीसरी पत्नी का जिक्र भी होता है लेकिन उसका नाम अज्ञात है। रावण (ravan) की पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था जोकि राक्षसराज मयासुर की पुत्री थीं। दूसरी का नाम धन्यमालिनी था और तीसरी का नाम अज्ञात है। ऐसा भी कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी।
रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया पर भी वासनायुक्त नजर रखी थी। इसके अलावा रावण (ravan) ने विष्णु भक्त तपस्विनी वेदवती के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी ऐसा कहा जाता है. जिसके चलते उन्होंने अपनी देह त्याग दी और रावण को शाप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी। मान्यता अनुसार उसी युवती ने सीता के रूप में जन्म लिया था।
रावण (ravan) और रंभा
वाल्मीकि रामायण के अनुसार विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। कामातुर होकर उसने रंभा को पकड़ लिया। तब अप्सरा रंभा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन रावण (ravan) ने उसकी बात नहीं.
यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण (ravan) को शाप दिया कि आज के बाद रावण (ravan) बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श नहीं कर पाएगा और यदि करेगा तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।
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