रमजान पर टूटेगा टुंडे कबाबी का 115 साल पुराना रिकॉर्ड
25 अप्रैल से रमजान का पवित्र महीना भी शुरू हो रहा है। लेकिन लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध टुंडे कबाब बंद रहेगा।
25 अप्रैल से रमजान का पवित्र महीना भी शुरू हो रहा है। लेकिन लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध टुंडे कबाबी बंद रहेगा। शायद पहला मौका है जब 115 साल के इतिहास में यह रमजान के महीने में बंद रहेगा।
दरअसल, कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से शहर के कई लोकप्रिय रेस्टोरेंट को प्रभावित हुए है। इसमें लखनऊ का मशहूर टुंडे कबाबी भी शामिल है। रमजान के पवित्र महीने के दौरान इस रेस्टोरेंट का बंद रहना अप्रत्याशित है।
115 साल में पहली बार रजमान में बंद रेस्टोरेंट-
टुंडे कबाबी के मालिक मोहम्मद उस्मान का कहना है, ‘मेरे लिए काफी दुखद है कि इस बार मैं रोजेदारों की सेवा नहीं कर पाउंगा, जो सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं। साथ ही रमजान के दौरान हमारे व्यंजनों के शौकीन भी हैं।’
उन्होंने कहा कि हमारे रेस्टोरेंट के 115 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि रमजान के महीने में यह बंद रहेगा। उनके मुताबिक, दादा ने साल 1905 में पुराने लखनऊ में इस टुंडे कबाबी रेस्टोरेंट की स्थापना की थी।
इस वजह से रहेगा बंद-
दरअसल टुंडे कबाबी मांस की खरीद करने में असमर्थ है, क्योंकि शहर में इसकी आपूर्ति को अभी तक बहाल नहीं किया गया है। इसके अलावा स्थानीय विक्रेता भी मीट की आपूर्ति करने में असमर्थ हैं। टुंडे कबाबी के मालिक मोहम्मद उस्मान ने बताया कि अन्य दिनों में हम लगभग 60 किलो मीट से तैयार कबाब बेचते हैं, जो रमजान के दौरान बढ़कर 100 किलो हो जाता था।
रेस्टोरेंट की सबसे बड़ी समस्या कारीगरों और मजदूरों की कमी भी है। ज्यादातर लॉकडाउन की वजह से कारीगर और मजदूर अपने-अपने घर जा चुके हैं।
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