Ram Temple Inauguration : नानी के यहां के चावल और ससुराल के मेवे से लगेगा पहला भोग
Ram Temple Inauguration : अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के बहुप्रतीक्षित प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. ऐसे में अपने आराध्य के लिए आयोजित समारोह को खास कैसे बनाया जाय इसके लिए होड़ मची हुई है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद जहां पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारेंगे वहीं छत्तीसगढ़ स्थित ननिहाल के चावल और नेपाल के जनकपुर स्थित ससुराल के मेवे का पहला भोग लगेगा. इसके बाद दुनिया भर से आनेवाले भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा.
रामलला के भोग के लिए छत्तीसगढ़ के 33 जिलों से 3000 कुंतल चावल की खेप 30 दिसम्बर को अयोध्या पहुंचेगी. वहीं जनकपुर से 1100 डलियों में प्रभु के नए आभूषण और फल, मेवा समेत अन्य उपहार को लेकर 3 जनवरी को 500 से अधिक जनकपुरवासी अयोध्या के लिए रवाना होंगे.
रायपुर में 21 को निकाली जाएगी शोभायात्रा
छत्तीसगढ़ के रायपुर के राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि 21 जनवरी को भगवान राम की रायपुर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. ननिहाल के चावल और ससुराल के मेवा का पहला भोग भी लगेगा. मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होने के साथ श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जबरदस्त तैयारी शुरू हो जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन 22 जनवरी को राम जन्मभूमि पहुंचेंगे. 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है. इस दिन बड़ी संख्या में लोग मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन करेंगे. वहां सभी को भगवान श्रीराम की एक नहीं बल्कि दो मूर्तियां दिखाई देंगी. मंदिर के मुख्य चबूतरे पर नवनिर्मित मूर्ति होगी. वहीं रामलला की दूसरी मूर्ति को स्थाई मंदिर से विराजमान किया जाएगा और उस मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा नहीं होगी. इन मूर्तियों को चल मूर्ति या फिर उत्सव मूर्ति भी कहा जाता है.
15 अगस्त 1947 जैसा महत्वूपर्ण दिन होगा 22 जनवरी
इसी बीच राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह से पहले श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 22 जनवरी की तुलना भारत की आजादी के 15 अगस्त से की. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना 15 अगस्त 1947, जितना कारगिल को वापस प्राप्त करना था, जितना 1971 में एक लाख सैनिकों की नजरबंदी महत्वपूर्ण थी यह कार्यक्रम उतना ही महत्वपूर्ण है. अयोध्या भारत को एकजुट करने का साधन बन गया है.
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चंदा मांगनेवालों से सजग रहे लोग
विश्व हिंदू परिषद ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अवैध रूप से चंदा मांगने वालों के प्रति लोगों को सचेत किया है. क्योंकि कुछ खबरें ऐसी सामने आई हैं जिसमें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए चंदा मांगा जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने लोगों से इसे लेकर सजग रहने का भी आग्रह किया है. गौरतलब है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी सहित कई हस्तियों को आमंत्रण पत्र भेजा गया है. साथ ही ट्रस्ट द्वारा डाक विभाग की तरफ से अयोध्या, काशी और मथुरा के प्रमुख साधु, संतों को भी आमंत्रण पत्र भेजा गया है.