Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा के दिन राममय होगें काशी के घाट
डोम समाज के परिवार के बच्चेे जगाएंगे श्मशान, भजन कीर्तन से गूंजेगी काशी
Ram Mandir : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को राममय काशी के घाट होंगे. मणिकर्णिका घाट से काशी विश्वनाथ धाम तक डोम समाज के बच्चेर और किशोरियां वाल्मीकि रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड और शिव के तारक मंत्रों का उद्घोष करेंगी. इसकी तैयारी के तहत डोम समाज (चौधरी परिवार) से जुड़े बच्चेर व बच्चियां कंठस्थ चौपाइयों के साथ राम आराधना में जुटी हैं.
सनातन परंपरा से जुड़ रही दक्षिण भारत की महिलाएं
मोक्ष का महात्म्य धारण करने वाले मणिकर्णिका तीर्थ पर इन दिनों देवाधिदेव महादेव के तारक मंत्र रमे रामे मनोरमे के साथ ही रामचरित मानस तक की चौपाइयां गूंज रही हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर की मूल निवासी और एक दशक से काशी में प्रवास कर रहीं वकुला परितला डोम समाज के बच्चों को सनातन परंपरा से जोड़ रही हैं. बच्चों को कर्मकांड के साथ ही भगवान राम और भक्त हनुमान पर आधारित काव्यों को कंठस्थ करा रही हैं. उनके इस अभियान में समाज के नौनिहाल बढ़कर कर हिस्सा ले रहे हैं। 20 से ज्यादा लडकियां उनसे पूजा और वैदिक अनुष्ठान सीख रही हैं.
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संगत से आवत गुण
डोम बस्ती के 32 बच्चे उनकी संगत में हैं और 15 बच्चे अब मुक्त कंठ से प्रभु श्रीराम के बाल रामायण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं. इन्हीं बच्चों के दो समूह 22 जनवरी को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के दौरान मणिकर्णिका घाट से ललिता घाट तक आराधना करेंगे. इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम में देवाधिदेव महादेव के समक्ष भगवान राम की स्तुति करेंगे.
मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार के अनुष्ठान पूरे करने वाले परिवारों की बच्चियों ने भगवान राम से जुड़े मंत्र और चौपाइयों को सीखने के बाद अपने मुहल्ले में भी बदलाव की अलख जगाई है. इनके मुहल्ले में स्थित फुलमती माई के मंदिर में बीते चैत्र नवरात्र से हर शनिवार हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बाल रामायण के श्लोक का पाठ अनवरत जारी है. बच्चों की इस पहल पर अब परिवार भी इसमें जुटने लगा है. 22 जनवरी के लिए विशेष तैयारी की है और इन बच्चियों के साथ प्राण प्रतिष्ठा के दौरान घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर में अनुष्ठान होगा.