राजस्थान हाई कोर्ट ने वसुंधरा ( Vasundhara) सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र करने की बात कही गई है। जस्टिस एमएन भंडारी की एकल जज बेंच ने कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार के आदेश को गलत और गैरकानूनी कहा।’
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राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश गैरकानूनी है
याची की ओर से वकील पुनीत सिंहवी ने बताया, ‘कोर्ट ने भी यह बात स्वीकार की है कि 28 दिसंबर 2014 को राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश गैरकानूनी है। इसमें राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र करने की बात कही गई थी।’ याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार आदेश देकर केंद्रीय गजेट अधिसूचना को सस्पेंड नहीं कर सकती है।
दिवंगत पीएम की छवि पर असर
सिंहवी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2005 के राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम में संशोधन के माध्यम से गांवों में संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राजीव गांधी सेवा केंद्रों और ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत भवनों की स्थापना की गई थी। इसका जिक्र 2009 के गजेट में किया गया है। याची ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि पर भी असर पड़ा।
nbt
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