RBI प्रमुख रहते हुए सरकारी दखलअंदाजी से नही हुआ सामना : राजन

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ सरकार के संबंधों पर चर्चा करते हुए आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने मंगलवार को यहां कहा कि निजी रूप से उन्होंने अपने कामकाज में बिना किसी हस्तक्षेप के पर्याप्त मात्रा में स्वतंत्रता का आनंद उठाया।

राजन ने यहां अपनी किताब ‘आई डू व्हाट आई डू’ के लोकार्पण के मौके पर कहा, “मूलत: मुझे काफी स्वतंत्रता मिली ।

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मैंने दो सरकारो के साथ काम किया : राजन

मैंने दो सरकारों के साथ काम किया। मैंने अपने पहले भाषण में जो एजेंडा निर्धारित किया, उसे लागू करने में सफल रहा। इसे लागू करने में किसी ने कोई दखलंदाजी नहीं की। दोनों सरकारों से मेरा रिश्ता अच्छा रहा। दोनों को मैं जानकारियां देता रहता था।

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गर्वनर के रुप में दिये गए भाषणों का संग्रह

इस किताब के बारे में राजन का कहना है कि यह उनके द्वारा आरबीआई के गर्वनर के रूप में दिए गए भाषणों का संग्रह है।

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2013 में अर्थव्यवस्था संकट में थी

राजन ने याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने साल 2013 में आरबीआई गर्वनर का पद संभाला था, तो उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में थी।

राजन को अगला कार्यकाल नहीं दिया गया।

साल 2016 में हालांकि तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर राजन को अगला कार्यकाल नहीं दिया गया। वह आजादी के बार पहली बार दूसरा कार्यकाल नहीं पाने वाले पहले आरबीआई गर्वनर बने।

अपनी शिक्षक की नौकरी में वापस लौटना चाहते

अपने कार्यकाल के पूरा होने से कुछ दिन पहले राजन ने घोषणा की थी कि कार्यकाल खत्म होने के बाद वह अमेरिका में अपनी शिक्षक की नौकरी में वापस लौटना चाहते हैं।

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