आर आश्विन ने गेंदबाजी में रचा इतिहास, लगाई रिकार्ड्स की छड़ी
एक तीर से दो शिकार। ये मुहावरा तो आपने सुना ही होगा. और उम्मीद है कि आप भी इसका मतलब समझेंगे. डॉमिनिका टेस्ट में अश्विन ने भी यही किया है. उन्होंने अपने गेंदों के ‘बाण’ वेस्टइंडीज पर चलाए हैं, पर उसके जरिए निशाना खुद की टीम पर भी साधा है. सीधे शब्दों में कहें तो अश्विन का मुकाबला सिर्फ वेस्टइंडीज से ही नहीं बल्कि टीम इंडिया से भी है. और ये भी जानते हैं कि इन दोनों मोर्चों पर उनका पलड़ा भारी है.
अब आप कहेंगे कि अश्विन का वेस्टइंडीज से भिड़ना तो समझ में आता है. लेकिन ये टीम इंडिया मामला क्या है? तो इसे समझने के लिए आपको फ्लैशबैक लड़ाई की तह तक जाना होगा. याद कीजिए इंग्लैंड में खेला गया WTC 2023 का फाइनल, जहां भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करने लायक नहीं समझा था. कप्तान रोहित शर्मा ने प्लेइंग इलेवन में अश्विन पर शार्दुल ठाकुर को तरजीह दी. वहीं, उनके ऐसा करते ही कई तरह के सवाल उठने लगे.
इंग्लैंड न सही तो वेस्टइंडीज ही सही, ये अश्विन ने दिखाया…
लेकिन वह भी एक समय था और अब वेस्टइंडीज में जो दिख रहा है वह भी एक समय है. जब वेस्टइंडीज सामने दिखी तो टीम मैनेजमेंट ने अश्विन को तुरंत प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया. बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा टीम में इससे बेहतर आंकड़े किसी के पास नहीं थे.
अब जब मौका मिला तो अश्विन ने सफेद जर्सी और लाल गेंद में दिखा दिया कि वह कितने बड़े खिलाड़ी हैं. डोमिनिका टेस्ट की पहली पारी में अश्विन ने वेस्टइंडीज के 5 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया और इसके साथ ही न जाने कितने रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए. लेकिन आपको उनके बारे में बताने से पहले आइए जानते हैं कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनिंदर सिंह ने किस अंदाज में उनका लोहा माना है. बता दें कि मनिंदर सिंह खुद भी एक स्पिनर रहे हैं.
पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह ने भी अश्विन का लोहा माना…
अश्विन को लेकर मनिंदर सिंह ने जो कहा उसके मुताबिक पिच से थोड़ी सी भी मदद हो तो फिर अश्विन चूकते नहीं हैं. डॉमिनिका टेस्ट की पिच को भी उन्होंने अच्छे से भांपा और उसी का नतीजा रहा कि वो 5 विकेट लेने में कामयाब रहे. बहुत लोग कहेंगे कि उनका बॉलिंग एक्शन नाथन लायन जैसा नहीं है, लेकिन आप उनका अंदाज देखिए, उनके विकेट को परखने की काबिलियत देखिए, जिस सोच के साथ वो अपने प्लान को अमलीजामा पहनाते हैं, वो देखकर मजा आता है.
मनिंदर सिंह ने अश्विन के बारे में जो कहा उसके मुताबिक अगर पिच से थोड़ी भी मदद मिलती है तो अश्विन चूकते नहीं हैं. उन्होंने डोमिनिका टेस्ट की पिच को भी बखूबी महसूस किया और उसी का नतीजा है कि वह 5 विकेट लेने में सफल रहे. कई लोग कहेंगे कि उनका बॉलिंग एक्शन नाथन लियोन जैसा नहीं है, लेकिन आप उनका स्टाइल देखिए, विकेट को परखने की उनकी क्षमता देखिए, जिस सोच के साथ वो अपने प्लान को लागू करते हैं, ये देखना मजेदार है.
33 बार पांच विकेट लेना कोई छोटी बात नहीं…
अब आते हैं अश्विन के रिकॉर्ड्स पर, जो उन्होंने डोमिनिका टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लेते हुए बनाए. अश्विन ने वेस्टइंडीज की पहली पारी में 24.3 ओवर में 60 रन देकर 5 विकेट लिए. टेस्ट क्रिकेट में ये 33वां मौका था, जब उन्होंने 5 विकेट लिए. इसके साथ ही उन्होंने न सिर्फ जेम्स एंडरसन (32 बार) को पीछे धकेल दिया बल्कि सबसे ज्यादा बार 5 विकेट लेने वाले दुनिया के छठे गेंदबाज भी बन गए.
700 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने…
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली पारी में अश्विन ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय बने. अश्विन का 700वां शिकार अल्जारी जोसेफ बने. अश्विन ने ये कमाल अपने टेस्ट करियर की 351वीं पारी में किया. मतलब वह मुरलीधरन के बाद सबसे कम पारियों में 700 विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बन गए. इतना ही नहीं, गेंदों के मामले में वह इस मुकाम तक पहुंचने वाले सबसे तेज भारतीय हैं. अश्विन ने 32278 गेंदों में 700 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल किए.
अश्विन ने एक तीर से दो शिकार किये…
अब जब ऐसे ऐसे रिकॉर्ड जिस खिलाड़ी की जेब में होंगे उससे तो विरोधी टीमें डरेंगी ही. वेस्टइंडीज की हालत भी अभी ऐसी ही है. वैसे भी इतिहास गवाह है कि अश्विन वेस्टइंडीज के खिलाफ हमेशा चले हैं. डॉमिनिका टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लेकर उन्होंने अपने रिकॉर्ड को बस दुरुस्त ही किया है. ऐसा कर उन्होंने वेस्टइंडीज को हार की ओर धकेला है, साथ ही भारतीय टीम और मैनेजमेंट को भी करारा जवाब दिया है, जो कंडीशन का हवाला देकर उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करने से बचने की कोशिश करते हैं.
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