जब 61 साल पहले काशी पहुंची थीं क्वीन एलिजाबेथ II, मेहमान नवाजी की थीं कायल, मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताएं देखकर किया था सवाल
ग्रेट ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ II का निधन हो गया है. उन्होंने 96 वर्ष की आयु में गुरूवार को स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली. क्वीन एलिजाबेथ II के निधन के बाद यूपी के वाराणसी में भी उन्हें याद किया जा रहा है. दरअसल, आज से लगभग 61 साल पहले सन् 1961 में क्वीन एलिजाबेथ II काशी दौरे पर आई थीं. उन्होंने बाबा विश्वनाथ की नगरी को खूब घूमा. फिर भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पधारीं क्वीन एलिजाबेथ II का काशी ने जोरदार स्वागत किया था.
तत्कालीन पीएम पंडित नेहरू ने किया था स्वागत…
25 फरवरी, 1961 को क्वीन एलिजाबेथ II काशी पहुंची थीं. वहां तत्कालीन पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनका स्वागत किया. बताया जाता है कि क्वीन एलिजाबेथ II की सवारी जिन सड़कों से गुजरी थी, वहां बने घरों की छतों पर लोग खड़े होकर हर हर महादेव का जयघोष कर रहे थे. क्वीन एलिजाबेथ II इस भव्य स्वागत से गदगद दिखी थी. काशी नरेश ने उन्हें तब गंगा विहार भी कराया था. इसके लिए नंदेशर पैलेस से क्वीन एलिजाबेथ II की सवारी निकली. क्वीन एलिजाबेथ II हाथी पर सवार थीं. वहां से बलुआ घाट तक हाथी की सवारी करते हुए गईं. हजारों की संख्या में लोग इस आयोजन में साथ चल रहे थे.
मणिकर्णिका घाट को लेकर पूछा था सवाल…
क्वीन एलिजाबेथ II को एक सजे-धजे बजड़े मै बैठाया गया था. उन्होंने काशी के घाटों का दर्शन किया था. बजड़े पर ‘गॉड सेव द क्वीन’ के बैनर भी लगे थे. मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं को देखकर उन्होंने सवाल भी किया था. महारानी के कौतूहल को काशी नरेश विभूति नारायण सिंह ने इसकी महत्ता बताकर शांत किया था. महारानी के इस तरफ इशारा किए जाने के बाद मीडिया की भी उत्सुकता बढ़ी.
लंदन के अखबारों में छपी थी काशी की खबरें…
लंदन के अखबारों में उस समय बर्निंग घाट्स ऑफ काशी शीर्षक से तस्वीरें भी प्रकाशित की गई थीं. वाराणसी के कई सीनियर लोग उस वाकये को आज भी याद करते हैं. कहते हैं तब चारों तरफ क्वीन एलिजाबेथ II के आगमन की सूचना थी, क्वीन एलिजाबेथ II के साथ ड्यूक फिलिप भी आए थे. क्वीन एलिजाबेथ II काशी और देश में हुई मेहमान नवाजी की कायल थीं. उन्होंने तत्कालीन पीएम पंडित नेहरू से भी इसका जिक्र किया था.
गणतंत्र दिवस परेड के बाद किया था ताज का दीदार…
सन् 1961 के गणतंत्र दिवस परेड से पहले क्वीन एलिजाबेथ II और ड्यूक फिलिप ने जयपुर का दौरा भी किया था. वहां उनका शाही स्वागत किया गया. उस समय उन्होंने महाराजा पैलेस के आंगन में जयपुर के महाराजा संवाई मान सिंह द्वितीय के साथ हाथी की सवारी भी की थी. गणतंत्र दिवस की परेड के बाद क्वीन एलिजाबेथ II आगरा के लिए रवाना हुई थीं. वहां खुली जीप में सवार होकर उन्होंने ताजमहल तक का सफर किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर उमड़ें हजारों लोगों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया.
इसके बाद 15 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर चली गईं. वहां से वापस लौटने के बाद उन्होंने दुर्गापुर स्टील प्लांट का दौरा किया. फिर वे कोलकाता गईं. बेंगलुरु, मैसूर और मुंबई दौरे के बाद आखिरी चरण में वे काशी पहुंची थीं.