बीएचयू में पीएचडी प्रवेश नियमावली का विरोध, परीक्षा नियन्ता से हुई छात्रों की तीखी बहस

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वीविद्यालय में पीएचडी प्रवेश में अनियमितता को लेकर छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने परीक्षा नियंता प्रो. एनके मिश्र एवं अपर परीक्षा नियंता प्रो. ज्ञानप्रकाश सिंह से मुलाकात की. इस दौरान छात्रों ने अधिकारियों के सामने पीएचडी प्रवेश की नयी नियमावली का पुरजोर विरोध किया. छात्रों का आरोप है कि यूजीसी के नियमों का हवाला देकर विश्वविद्यालय छात्रों की अकादमिक हत्या को आतुर है. वर्तमान नियमावली में केवल और केवल जेआरएफ पास विद्यार्थियों का नामांकन होगा.

ऐसे में NET और केवल पीएचडी नामांकन के लिए अहर्ता प्राप्त छात्रो का नामांकन नामुमकिन है. छात्रों का इस दौरान अपर परीक्षा नियन्ता प्रो. ज्ञानप्रकाश सिंह से तीखी बहस भी हुई. छात्रों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी बुला लिए गए. परीक्षा नियन्ता प्रो. एनके मिश्र ने मामले को समझते हुए कुलपति से वार्ता कर मामले का सकारात्मक हल निकालने की बात कही. छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष शयमाल कुमार ने कहा कि समिति छात्रों के हितों के लिए सदैव तत्पर है, पीएचडी प्रवेश की दोषपूर्ण नियमावली के खिलाफ छात्र संघर्ष समिति ने परीक्षा नियन्ता को ज्ञापन दिया. मांगे नहीं मानी गयी तो हम वृहद आंदोलन का रास्ता चुनेंगे.

छात्रो की मांगे

(1) जेआररफ की तर्ज पर NET और Qualified For PhD वर्ग के सभी छात्रों को भी इंटरव्यू प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

(2) दिसम्बर 2023 में पास हुए NET अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय ने प्रवेश हेतु कोई मौका नही दिया है अतः वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया में DEC 2023 के NET पास अभ्यर्थियों को समायोजित किया जाए.

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(3) M.Phil डिग्री को भी प्रवेश प्रक्रिया में समायोजित किया जाए;

(4) विभागवार रिक्त सभी सीटों को प्रवेश परीक्षा में शामिल करना परीक्षा नियन्ता कार्यालय सुनिश्चित करें.

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