सामाजिक मुद्दों पर बेबाक बोलने वाले प्रोफेसर को निकाला

देखने को मिल रही तीखी प्रतिक्रया

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नई दिल्ली: देश की राजनीति अब जातिवाद से शिक्षा पर हावी होती देखी जा सकती है. जी हां, यह ताजा मामला है देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहाँ दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज में करीब 14 साल से हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा रहे डां. लक्ष्मण यादव को निकाल दिया गया है. लक्ष्मण यादव दिल्ली यूनिवर्सिटी के उन टीचर्स में शुमार हैं जो सामाजिक मुद्दों पर बेबाक बोलते रहे हैं. वह कॉलेज में छात्रों के बीच जितने फेमस हैं उतने ही सोशल मीडिया पर भी. X और यूट्यूब पर उन्हें फॉलो करने वालों की लंबी लिस्ट है. उन्हें अक्सर सोशल मीडिया से लेकर पब्लिक मीटिंग तक में अपनी बातों के दौरान मुद्दों को उठाते हुए देखा गया है. लेकिन अब उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया है.

देखने को मिल रही तीखी प्रतिक्रया

डा. लक्ष्मण यादव ने अपने टर्मिनेशन लेटर को X पर शेयर करते हुए गोरख पांडे की एक चर्चित कविता के साथ ही लिखा

मेरे लहज़े में जी हुज़ूर ना था

इससे ज़्यादा मेरा क़सूर ना था…

डॉ. लक्ष्मण यादव को निकाले जाने पर सोशल मीडिया पर तीख़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. साथ ही कॉलेज में छात्रों ने भी उनको निकाले जाने के विरोध में प्रोटेस्ट किया.

डॉ.लक्ष्मण यादव के बारे में…

आपको बता दें कि लक्ष्मण यादव यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले हैं. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में MA में गोल्ड मेडलिस्ट और JRF ( Junior Research Fellowship) क्वालीफाई कर लक्ष्मण यादव ने IAS बनने के सपने के साथ 2009 में दिल्ली का रुख़ किया. IAS की तैयारी के साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी में एडमिशन ले लिया. 2010 में उन्हें ज़ाकिर हुसैन कॉलेज में इंटरव्यू देने का मौक़ा मिला और एडहॉक पर उन्हें नौकरी मिल गई. 1 सितंबर 2010 को उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज के हिंदी विभाग में ज्वाइन कर लिया. वह बताते हैं कि ”1 सितंबर 2023 को 13 साल पूरा हो गए और 14वां साल चल रहा था.

अखिलेश ने दिया राजनीति में आने का मौका-

आपको बता दें कि नौकरी गंवा चुके असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अब राजनीति में उतरने का मौका दिया है. हाल ही में मीडिया से रूबरू होते हुए जब अखिलेश यादव से लक्ष्मण यादव को बर्खास्त किए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इशारों में डॉ. लक्ष्मण यादव को समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने और राजनीति में कदम रखने की बात कह दी.

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लक्ष्मण यादव से जुड़ना चाहते हैं अखिलेश

उन्होंने साफ़ इशारा करते हुए कहा कि वह खुले तौर पर चाहते हैं कि लोगों की बीच लोकप्रिय असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उनकी समाजवादी पार्टी को ज्वाइन करें. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण
यादव आने वाले समय में सपा के साथ उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर जुड़ सकते हैं.

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