प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- गृह राज्य मंत्री के साथ मंच पर मत होईए विराजमान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। हम कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। इस ऐलान के बाद से ही इसपर सियासत जारी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को पत्र लिखकर सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए एक बड़ी मांग कर दी है।
चिट्ठी लिखकर की ये मांग:
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा कि नरेंद्र मोदी जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिये। प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
..@narendramodi जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिये।
प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। pic.twitter.com/5XNAmAjmvN
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 20, 2021
पीड़ितों को न्याय दिलवाइए:
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कल कहा कि किसानों के हित को देखते हुए सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।
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