क्या प्रियंका गांधी राज्यसभा जायेंगी? राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज
कहा जा रहा है कि प्रियंका राज्य सभा भेजी जा रही हैं।
कांग्रेस प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है। उम्मीद यही है कि छत्तीसगढ़ से उन्हें राज्यसभा भेजा जाये। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब सबकुछ प्रियंका पर निर्भर है। प्रियंका अभी उत्तर प्रदेश में पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
राज्यसभा में कई सीटें खाली हो रही हैं
दरअसल, अगले दो महीने में राज्यसभा में कई सीटें खाली हो रही हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रियंका को राज्यसभा में भेजने की तैयारी में है। खबरों की माने तो प्रियंका को छत्तीसगढ़ से ऊपरी सदन में भेजा जा सकता है। हालांकि प्रियंका की तरफ से अभी इस बारे में हामी नहीं भरी गई है। कांग्रेस राज्यसभा में खाली हो रही इन सीटों के लिए उम्मीदवारों को चुनने के लिए मंथन कर रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की ओर से हाइकमान के सामने रखे गए इस प्रस्ताव के बाद चर्चा तेज हुई।
राज्यसभा भेजने के लिए राजी होगा आलाकमान?
कांग्रेस के हलके में प्रियंका नाम जरूर उछला है लेकिन देखने वाली बात यह होगी क्या प्रियंका इसपर सहमति देती हैं। ये देखनेवाली बात होगी कि क्या शीर्ष नेतृत्व उन्हें यूपी की जिम्मेदारी के साथ-साथ राज्यसभा भेजने के लिए राजी होगा। गौरतलब है कि इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए भी प्रियंका के नाम की चर्चा हुई थी। कांग्रेस नेता अभी उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हैं और लगातार राज्य का दौरा कर रही हैं। राज्य में दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस तैयारी कर रही है और प्रियंका ने इसकी कमान संभाल रखी है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि अब सबकुछ प्रियंका पर निर्भर करता है। बता दें कि प्रियंका अभी पार्टी की महासचिव हैं और वह अभी किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले प्रियंका अपनी मां की लोकसभा सीट रायबरेली का काम देख रही थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
आजाद और दिग्विजय भी करेंगे वापसी तय
उल्लेखनीय है कि इस बार उच्च सदन से नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, अंबिका सोनी, मधुसूदन मिस्त्री, हुसैन दलवाई जैसे दिग्गजों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं। इनमें से कुछ चेहरों की वापसी तय मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद और दिग्विजय सिंह की वापसी हो सकती है। वहीं चर्चा है कि बढ़ती उम्र के बावजूद मोतीलाल वोरा की गांधी परिवार के प्रति वफादारी उन्हें एक और मौका दिला सकती है। राज्यसभा में इस साल लगभग 70 से ज्यादा सीटें खाली हो रही हैं। इनमें कांग्रेस और बीजेपी की हिस्सेदारी काफी है। कांग्रेस के 18 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जबकि उसकी 9 सीटों की ही दावेदारी बनेगी। सदन में 10 अप्रैल को कई सीटें खाली हो रही हैं। चर्चा है कि मार्च के मध्य तक हाइकमान इन पर फैसला ले सकता है।
मोतीलाल वोरा को मिलेगा मौका?
छत्तीसगढ़ में बंपर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस के पास पांच में से दो सीटें हैं। दोनों ही सीटें 10 अप्रैल को खाली हो रही हैं। कांग्रेस के मोतीलाल वोरा और बीजेपी के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल खत्म हो रहा है। कांग्रेस के बहुमत देखते हुए ये दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में मानी जा रही हैं।
इन नामों पर भी चल रही चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस में अलग-अलग राज्यों में खाली सीटों के लिए उम्मीदवारों को लेकर मंथन चल रहा है। कहा जा रहा है कि एक तरफ पार्टी पर अपने सीनियर नेताओं को भेजने का दबाव है, वहीं एक राय उच्च सदन में युवा चेहरों को भी भेजने की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पसंद को देखते हुए कुछ युवा चेहरों पर विचार चल रहा है। राज्यसभा के टिकट के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजीव शुक्ला, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंदर हुड्डा से लेकर टी सुब्बारामी रेड्डी तक शामिल हैं।
राज्यसभा की 51 सीटें हो रही हैं खाली
राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है और भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं। राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी। सत्तारूढ़ एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए AIADMK और बीजेडी जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है। राज्यसभा में बीजेपी के सबसे अधिक 82 सदस्य हैं और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। उच्च सदन की कुल क्षमता 245 है। राज्यसभा में 12 नामित सदस्य हैं, जिनमें से आठ बीजेपी से जुड़े हैं। साभार एनबीटी व अन्य सूत्र