पूरे देश में निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम और लैब खुल जायेंगे

Private clinic
नई दिल्ली : कोरोनावायरस संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को निर्देश दिया कि वे अपने यहां सभी चिकित्सा पेशेवरों और कर्मचारियों के साथ निजी क्लीनिक Private clinic, नर्सिंग होम और लैब को खुलवाने की व्यवस्था करें।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को यह आदेश जारी किया है। इसमें जरूरत पड़ने पर एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही की सुविधा का भी निर्देश है।

सुचारू आवागमन सुनिश्चित हो

●सभी चिकित्सा डॉक्टरों, अर्धसैनिक कर्मचारियों, स्वच्छता कर्मियों और एम्बुलेंस आदि के अंतर-राज्य सहित, सुचारू आवागमन सुनिश्चित करें।

● Private clinic और नर्सिंग होम को बिना किसी बाधा के खोलने की अनुमति है ।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में कुछ ढील देने के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों पर सरकारों को निर्देश दिया है। कहा गया है कि प्रवासी लोगों के पटरी और सड़क पर चलने पर रोक लगे और उन्हें शेल्टर होम में लेकर जाया जाए।

पेशेवर, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ बेरोकटोक जायें

भल्ला ने जोर दिया कि Private clinic खोलने के अलावा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके क्षेत्र के अधिकारी सभी चिकित्सा पेशेवरों, नर्सों, पैरा-मेडिकल, स्वच्छता कर्मियों और एम्बुलेंस की सुगम गतिविधियों की अनुमति दें।

मंत्रालय ने यह आदेश इस जानकारी के बाद जारी किया कि Private clinic और नर्सिंग होम को कई स्थानों पर अब तक खोलने की अनुमति नहीं है।

केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों से कहा कि चिकित्सा और सफाई से जुड़े कर्मचारियों के आनेजाने के लिए सही रास्ता निकालें और सभी Private clinic खोलने की अनुमति दे दें।

नर्सिंग होम बिना किसी बाधा के कार्य करें

भल्ला के पत्र में कहा गया है, “इन चिकित्सा सुविधाओं का कामकाज, जो नियमित चिकित्सा बुनियादी ढांचे के पूरक हैं, और अस्पतालों पर भारी संख्या में मरीजों के बोझ से राहत देते हैं, भी महत्वपूर्ण है। मैं सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करूंगा कि ऐसे Private clinic और नर्सिग होम बिना किसी बाधा के कार्य करते रहें।”

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद हुआ निर्णय

रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की, जिसमें चिकित्सा पेशेवरों और पैरामेडिकल कर्मियों की आवाजाही पर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद ये निर्देश जारी किए गए हैं।

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