पीएम मोदी के विदेश दौरे और उनपर कितना खर्च?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से देश की बागडोर संभाली है तब से देश की प्रगति और विकास के लिए दिन रात काम करते हैं। पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में भारत को एक नई पहचान दिलाने और दूसरे देशों के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने में लगे हैं।
पीएम मोदी जब से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं तब से लगातार विदेशों के दौरे कर रहे हैं। मई 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से मोदी आधिकारिक विदेश यात्रा के रूप में कथित रूप से 3.4 लाख किलोमीटर का दौरा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, उन्होंने बतौर पीएम 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं। यह अवधि उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10 प्रतिशत है। जिस तरह से पीएम ने ताबड़तोड़ विदेश दौरे किए हैं उनसे देश को कहीं न कहीं रोजगार व्यापार जैसी चीजों में हल मिला है।
अगर हम बात करें पिछली यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह की तो विदेश दौरे उन्होंने भी काफी किए लेकिन पीएम मोदी के मुकाबले वो पीछे रह गए साथ ही पीएम मोदी को उपलब्धियां मिली हैं वो शायद मनमोहन सरकार को नहीं मिल पाई थीं।
मोदी की यात्रा का खर्च
पीएमओ के मुताबिक 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनमें पांच यात्राओं पर खर्च के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 9 से 17 अप्रैल 2015 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर सबसे ज्यादा 31.2 करोड़ रुपये खर्च हुए।
इस लिहाज से दूसरे नंबर पर 11 से 20 नवंबर 2014 के दौरान म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फीजी की यात्रा है जिसकी लागत 22.58 करोड़ रुपये आई। पीएम मोदी की तीसरी महंगी विदेश यात्रा 13 से 17 जुलाई 2014 के दौरान ब्राजील की थी जिस पर 20.35 करोड़ रुपये का खर्च आया।
विदेश यात्रा में मोदी की उपलब्धियां मनमोहन से ज्यादा
मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले दो वर्षों में कुल 95 दिन विदेश में बिताए जबकि यूपीए की पहली और दूसरी सरकार में बतौर पीएम पहले दो-दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह ने 72 दिन विदेश में बिताए थे।
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लेकिन, मोदी ने जहां 20 यात्राओं में 40 देशों के दौरे किए, वहीं मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 के पहले दो सालों में 15 विदेशी यात्रा कर 18 देशों के दौरे किए थे। उन्होंने यूपीए-2 के पहले दो सालों में 17 विदेशी यात्राओं में 24 देशों के दौरे किए थे।
धीरे-धीरे दौरे में आई कमी
मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल में ही ज्यादा-से-ज्यादा दौरे किए क्योंकि तब बतौर पीएम उन्हें बहुत ग्राउंड वर्क करना था। धीरे-धीरे उनकी विदेश यात्राओं में कमी आ गई। साल-दर-साल विदेश में उनके ठहरने का वक्त भी कम हुआ है। पहले साल (मई 2014 से मई 2015) पीएम ने 55 दिन दूसरे देशों में बिताए। दूसरे साल में यह आंकड़ा घटकर 40 और तीसरे साल 24 हो गया।
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