Pran Pratishtha: ऐतिहासिक पल के साक्षी नहीं बने लालकृष्ण आणवाणी

प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड शुभ मुहूर्त

0

Ram Mandir: अयोध्या में रामलला ( RAMLAL ) की प्राण प्रतिष्ठा ( Pran Pratishtha) के लिए अब कुछ ही क्षण का समय बचा हुआ है. ऐसे में सभी लोग इस एतिहासिक पल के साक्षी बनना चाहते हैं. इसी बीच खबर आ रही है की राममन्दिर ( rammandir) आंदोलन के प्रमुख लाल कृष्ण आडवाणी ( lalkrishna advani) आज समारोह में शामिल नहीं होंगे.

मौसम का दिया हवाला-

अयोध्या में शामिल न होने के कारण आडवाणी ने मौसम का हवाला दिया है. मौसम विभाग के अनुसार आज का तापमान 8°C दर्ज किया गया. हालांकि अगले कुछ घंटों के दौरान तापमान में कमी की उम्मीद है. IMD के मुताबिक आज अयोध्या में कोल्ड- डे की स्थिति बन सकती है.

अडवाणी को दिया गया था न्योता-

विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरास्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने बताया की अडवाणी को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता दिया गया था . तब उन्होंने समारोह में शामिल होने के लिए इच्छा जताई थी .
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अब कुछ ही क्षण का समय बचा हुआ है. सभी देश और दुनिया के लोग उस क्षण का बेसब्री से उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्या यजमान पीएम मोदी हैं. बता दें की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी.

84 सेकंड शुभ मुहूर्त-

आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए मात्र 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त है. प्रधानमंत्री मुख्य यजमान के तौर पर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगें और अयोध्या में चार घंटे बिताएंगे.

पीएम मोदी का शेड्यूल-

मोदी स्पेशल विमान से सुबह 10:25 बजे अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचेंगे.
हेलीकॉप्टर से राम जन्मभूमि परिसर में आएंगे.
राम जन्मभूमि परिसर का भ्रमण करेंगे.
पीएम मोदी अयोध्या में कुबेर टीला जाएंगे.

राम मंदिर की खासियत-

मंदिर के प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है.
राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं.
मंदिर को नागर शैली वास्तुकला के जरिए बनाया जा रहा है.
मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
मंदिर में 5 मंडप होंगे। नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप.
दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी.
मंदिर परिसर में पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा.
मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या की मंदिर भी बनाई जा रही है.
मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा.
मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More