ये है ‘मौत का किला’, जरा सी चूक ले सकती है जान !
भारत विविधताओं का देश हैं। यहां के सुंदर पहाड़, झरने, नदियां और खूबसूरत वन किसी का भी मनमोह सकते हैं। लेकिन भारत में कई ऐसी जगहें भी है जो खूबसूरत तो हैं ही लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा डरावनी और खतरनाक भी हैं। यहां पर जाने वाले कभी लौटे नहीं, रहस्य बन कर रह गये।
महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच ऊंची पहाड़ी है, जिसपर एक खूबसूरत किला बना हुआ है। इस किले को कलावंती के नाम से जाना जाता है। यह किला कहने को जितना खूबसूरत है उतना ही खतरनाक भी है।
2300 फुट की की उंचाई पर है किला-
प्रभलगढ़ किले की उंचाई तकरीबन 2300 फुट है और खड़ी चढ़ाई होने के कारण यहां पर कम लोग ही आते हैं और जो आते हैं वो सूर्यास्त से पहले लौट जाते हैं। ज्यादा उंचाई होने के कारण यहां ज्यादा देर तक टिक पाना मुश्किल होता है। प्रभलगढ़ किले में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। बिजली की व्यवस्था न होने के कारण शाम होते ही वापस लौटना पड़ता है क्योंकि अंधेरा होने के बाद अनहोनी का डर सताने लगता है।
सीढ़ीनुमा रास्ता बेहद खतरनाक-
किले तक पहुंचने के लिये पहाड़ी को काट कर रास्ता बनाया गया है। सीढ़ीनुमा और खड़ी चढ़ाई तो है ही साथ ही सीढ़ियों में न तो कहीं रेलिंग है और न ही रस्सियां है। जिससे हर समय फिसलने का खतरा बना रहता है। जरा सी भी चूक आपकी जान ले सकती है। ऐसा बताया जाता है कि किले से तक कई मौतें हो चुकी हैं।
यहां दिखते हैं कई किले-
प्रभलगढ़ का किला इतनी अधिक उंचाई पर है कि यहां पर पहुंचने के बाद आप करनाल, चंदेरी, इर्शल और माथेरान का किला भी आसानी से देख सकते हैं। साथ ही मुंबई शहर का एक हिस्सा यहां से देखा जा सकता है।
बारिश में जाने से बचें-
यहां बारिश के मौसम में आने से थोड़ा परहेज करें, क्योंकि जरा सी भी बारिश रास्ते को फिसलन भरा बना देती है। जोकि आपके लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है अगर आप जरा भी चूके तो 2300 फुट गहरी खाई में जा सकते हैं।
शिवाजी ने बदला था किले का नाम-
प्रभलगढ़ किले का नाम छत्रपति शिवाजी के शासन काल में बदला गया था। इस किले को पहले मुरंजन किले के नाम से जाना जाता था। बताया जाता है कि इस किले का नाम छत्रपति शिवाजी ने रानी कलावंती के नाम पर रखा गया था।
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