कंगाल पाक का IMF की शर्तों से इंकार… चीन आखिरी सहारा! क्या होगा पकिस्तान तुम्हारा
वाराणसी: बेतहाशा मंहगाई, कंगाली, कर्ज और गृह युद्ध जैसे हालातों से घिरा एक देश शायद जिसका नाम भी आपको बताने की जरुरत नहीं है. क्या आप समझ गए हम किस देश की बात कर रहे है, जी हां आप सही समझ रह है. हम बात कर रहे हैं, अपने पडोशी देश पाकिस्तान की. जो पिछले कई समय से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) के सामने अपने हाथ फैला रखा है. लेकिन अब उसकी ये हालत देख अंतरराष्ट्रीय संस्था लगातार उसे टाले जा रही है. पकिस्तान के पास कोई और जरिया न होने के कारण अब पाकिस्तान अपने पुराने दोस्त चीन से सहायता की गुहार लगा सकता है.
आईएमएफ बेलआउट प्रोग्राम को लगातार टाले जा रहा है. उसे डर है कि पाकिस्तान कर्जा लेकर उसे चुका नहीं पाएगा. पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से अब खबर आई है कि अब सरकार के सामने चीन से मदद मांगने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है. ‘द न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि देश में बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच IMF इंतजार करा रहा है. लेकिन पाकिस्तान की हालत ज्यादा समय तक इंतजार करने की नहीं है.
पकिस्तान ने IMF की शर्तों से किया इंकार…
चीन की मदद की आस में पाकिस्तान अब आईएमएफ की शर्तो को मानने से इंकार कर रहा. सूत्रों की मानें तो, पाकिस्तान ने साफ कह दिया है कि या तो आईएमएफ नौंवी समीक्षा कर हमें बेलआउट पैकेज दे या फिर इस कार्यक्रम को रद्द कर दे. मगर अब वो और जानकारी इस अंतरराष्ट्रीय संस्था के साथ साझा नहीं करेंगे. ऐसी जानकारी है कि पाकिस्तान ने IMF की टीम को साफ कह दिया है कि वो अपनी समीक्षा को जल्द से जल्द पूरा करें नहीं तो 2023-24 के बजट की रूपरेखा को साझा नहीं किया जाएगा.
पकिस्तान के दिवालिया होने से डरे पश्चिमी देश…
अमेरिका के साथ-साथ पश्चिमी देशों को इस बात का डर सता रहा है कि पकिस्तान की जो मौजूदा हालत है, उससे वो दिवालिया हो सकता है. जिसकी वजह से नया कर्ज देना जोखिम भरा हो सकता है. जानकारी के अनुसार, पकिस्तान के मंत्री से बात करते हुए एक पश्चिमी देश के अंबेसडर ने सीधे तौर पर पूछ डाला कि आपको कब तक देश की अर्थव्यवस्था के ठप होने की आशंका है. यह सुनकर पाक मंत्री को जोरदार झटका लगा, उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि पाकिस्तान कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा. विदेशी राजनयिकों ने पाकिस्तान के राजनीतिक मामलों की भी जानकारी लेना शुरू कर दिया है.
पाक की आखिरी उम्मीद चीन…
पाकिस्तान के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अब पाकिस्तान के सामने कोई विकल्प नहीं बचा है. उससे इस दलदल से निकालने के लिए चीन की शरण में जाना ही होगा. उनके मुताबिक पाकिस्तान की मदद के लिए एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) भी आगे आ सकता है. पाकिस्तानी स्टेट बैंक के पास महज 4.38 बिलियन डॉलर का ही रिजर्व बचा है, ऐसे में आईएमएफ फूंक-फूंककर कदम रख रहा है. पाक सरकार ने आईएमएफ को बहुत मनाने की कोशिश की है, लेकिन उसे कर्ज डूबने का डर सता रहा है.
Also Read: रूस-यूक्रेन का समझौता चाहता है चीन, चार बिंदुओं में जानें ड्रैगन का शांति प्लान