डॉ हेमंत कुमार सिंह द्वारा रचित कविता ‘मैं भारत की तस्वीर देखता हूँ’
पढ़िए: डॉ हेमंत कुमार सिंह द्वारा रचित कविता, ‘ मैं भारत की तस्वीर देखता हूँ’
मैँ तो भारत की तस्वीर देखता हूँ ,
आप सबकी उसमे तकदीर देखता हूँ ,
अब चलो चलते हैँ , साथ दोस्तो,
क्योंकि मैँ भारत को गंभीर देखता हूँ.
भारत की क्षमता को पहचानता हूँ ,
इसको विकसित करने का मंत्र खोजता हूँ ,
इस बात पर मैँ बहश चाहता हूँ ,
इसीलिये भारत को गंभीर देखता हूँ.
जर्मनी , चीन , जापान का भूत जानता हूँ ,
इनके वर्तमान के विकाश का प्रारूप जानता हूँ ,
अब तो वैसा ही यहाँ पे बदलाव चाहता हूँ ,
इसलिये भारत को गंभीर देखता हूँ.
किसको शिक्षा , किसको भीक्षा मिलेगी , यह सब जानता हूँ ,
80% लोगों की परेशानी जानता हूँ ,
भुखमरी , कुपोषण, बेरोजगार , बेवश भारत जानता हूँ ,
इसीलिये भारत को गंभीर देखता हूँ.
बूद्ध , गांधी , नानक , महावीर का देश जानता हूँ ,
फिर क्यों इतने लोगों को परेशान देखता हूँ ???
अब तो देश मे फिर नया अवतार चाहता हूँ ,
इसलिये भारत को गंभीर देखता हूँ.
भारत के राम का रुप जानता हूँ ,
उसके स्वाभिमान का स्वरूप जानता हूँ,
पंडित को जय सियाराम , मौलवी को दुआ सलाम चाहता हूँ,
गंगा जमुनी भारत की तहजीब चाहता हूँ ,
इसीलिये भारत को गंभीर देखता हूँ.