GST, मांग में कमी से विनिर्माण क्षेत्र की हालत खराब : पीएमआई
देश के विनिर्माण क्षेत्र में जुलाई(July) में गिरावट देखी गई, जो पिछले 8 सालों में सबसे कम रहा है। इसका मुख्य कारण जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लागू करना तथा मांग में आई गिरावट रही। प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली।
निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई), जोकि विनिर्माण प्रदर्शन का समग्र सूचक है, जुलाई माह में 47.9 पर रहा, जबकि यह जून माह में 50.9 पर था।
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आर्थिक गतिविधियों में मंदी
इस सूचकांक में 50 से ऊपर का अंक आर्थिक गतिविधियों में सक्रियता का द्योतक है तथा 50 से कम का मतलब आर्थिक गतिविधियों में मंदी है।
आंकड़ों के मुताबिक, निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पीएमआई में गत जुलाई में साल 2009 के फरवरी माह के बाद से सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है, जो साल 2017 में व्यापार गतिविधियों में गिरावट को दर्शाता है।
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भारत के विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर रुकी
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पॉलयाना डी लीमा का कहना है, “जुलाई में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर रुक गई, इससे पीएमआई पिछले साढ़े आठ महीने के सबसे निचले दर पर पहुंच गई है। जीएसटी के लागू होने से इस क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा है।”
उन्होंने कहा, “आउटपुट, नए ऑर्डर और खरीद प्रक्रिया में 2009 की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट सर्वेक्षण में शामिल सभी क्षेत्रों में देखी गई है।” निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पीएमआई रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है।
वही, दूसरी तरफ इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन के लिए 12 महीने का ²ष्टिकोण जुलाई में सकारात्मक रहा, जिसमें कंपनियों को जीएसटी के बारे में अधिक स्पष्टता की उम्मीद थी, ताकि उनकी विकास दर बनी रहे।
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