बनारस रेल इंजन कारखाना के 10,000वें लोकोमोटिव को पीएम करेंगे राष्ट्र को समर्पित

10000 रेल इंजन बनाकर रचा इतिहास

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बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा निर्मित 10000वें लाकोमोटिव को प्रधानमंत्री नरेंन्‍द्र मोदी आज सोमवार को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पहले डीजल रेल इंजन कारखाना के नाम से जाने जाने वाले बरेका ने ALCO लोको तकनीक पर आधारित पहला लोकोमोटिव तैयार करके अपनी यात्रा शुरू कर न केवल रेल इंजनों के उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि रेल इंजनों की अश्व शक्ति में वृद्धि के साथ ही नयी-नयी तकनीक का भी विकास किया है. वर्ष 2017 से बरेका ने विद्युत लोको का निर्माण शुरू किया. वर्तमान में बरेका रेलवे के लिए यात्री सेवा हेतु WAP7 और मालवाहक हेतु WAG9 इंजनों के निर्माण के साथ ही गैर रेलवे ग्राहकों एवं निर्यात के लिए रेल इंजन का उत्पादन कर रहा है. अब तक बरेका 1687 विद्युत लोकोमोटिव, 7498 डीजल लोकोमोटिव, 172 निर्यातित लोकोमोटिव, गैर रेलवे ग्राहक हेतु 634 लोकोमोटिव, 01 डुएल (डीजल+विद्युत) मोड लोकोमोटिव, 08 डीजल से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित लोकोमोटिव का निर्माण किया है.

10000 रेल इंजन बनाकर रचा इतिहास

उल्लेखनीय है कि बरेका की नीव प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद ने 23 अप्रैल 1956 को रखी थी. अगस्त 1961 में बरेका अपने अस्तित्व में आया. 03 जनवरी 1964 में पहला ब्राड गेज WDM2 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादूर शास्त्री ने एवं नवम्बर 1968 में पहले मीटर गेज रेल इंजन YDM4 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई ने किया था. बरेका ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक 10,000 रेल इंजन बनाकर एक इतिहास रचा है.

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अत्‍याधुनिक सुविधाएं मौजूद

10,000वां एसी 6000 अश्व शक्ति पैसेंजर लोकोमोटिव WAP7-37638 जो आरटीआईएस-वास्तविक समय सूचना प्रणाली, गर्मियों के लिए वातानुकूलित ड्राइवर कैब, सर्दियों के दौरान ड्राइवर के लिए गर्म हवा का प्रावधान, HOG- ट्रेन लाइटिंग के लिए हेड ऑन जेनरेशन, रिजेनरेटिव ब्रेक सिस्ट्म जैसी प्रमुख विशेषताओं से सुसज्जित है. इसकी स्पीड 140 किमी प्रति घंटा है.

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