मिस्र में ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानि हुए पीएम मोदी, शुद्ध सोने से बने इस पुरस्कार में जड़ा है रूबी

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बाद मिस्र के दौरे पर हैं। यहां मिस्र के काहिरा में रविवार को पीएम मोदी को मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान मिला। काहिरा में पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने द्विपक्षीय बैठक से पहले पीएम को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया। पीएम मोदी से पहले यह सम्मान 12 लोगों को दिया जा चुका है। इस तरह से पीएम मोदी मिस्र के 13वें व्यक्ति बन गए हैं, जिसे ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ दिया गया है।

1915 से दिया जा रहा है यह पुरस्कार 

बता दें, मिस्र देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ पुरस्कार वर्ष 1915 में शुरू किया गया था। यह सम्मान उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को दिया जाता है, जिन्होंने मिस्र या मानवता की अमूल्य सेवा की हो। वहीं, रविवार को यह पुरस्कार भारत के प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया। यह मिस्र का 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।

शुद्ध सोने से बना है ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’

‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ शुद्ध सोने से बना होता है। इसमें वर्गाकार सोने की तीन इकाइयां शामिल हैं। जिनमें मिस्र पर शासन करने वाले बादशाह फिरौन के प्रतीक शामिल हैं। पहली इकाई राष्ट्र को बुराइयों से बचाने का विचार पेश करती है, जबकि दूसरी इकाई नील नदी द्वारा लाई गई समृद्धि एवं खुशी का प्रतीक है और तीसरी इकाई धन एवं सहनशीलता को संदर्भित करती है। ये तीनों इकाइयां एक-दूसरे से सोने से बने गोलाकार फूलों से जुड़ी होती हैं, जिसमें फिरोजा और रूबी रत्न जड़े होते हैं।

दोनों देशों के बीच हुआ समझौता 

जानकारी के मुताबिक, काहिरा में दोनों देशों के नेताओं ने अपनी मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी की अफ्रीकी देश की राजकीय यात्रा 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। इससे पहले दिन में, प्रधान मंत्री ने काहिरा में देश की 11वीं शताब्दी की अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया, जिसे भारत के दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से बहाल किया गया है।

फातिमिद मस्जिद गए थे पीएम मोदी

इस दौरान काहिरा में पीएम मोदी को उस मस्जिद का भी दौरा किया, जिसका नवीनतम जीर्णोद्धार तीन महीने पहले पूरा हुआ था। मस्जिद मुख्य रूप से शुक्रवार की नमाज़ और सभी पाँच अनिवार्य नमाज़ें अदा करती है। अल हकीम काहिरा की चौथी सबसे पुरानी मस्जिद है और मिस्र की राजधानी में बनी दूसरी फातिमिद मस्जिद है। इसका क्षेत्रफल 13,560 वर्ग मीटर है, जिसमें प्रतिष्ठित केंद्रीय प्रांगण 5,000 वर्ग मीटर में फैला है। भारत में बसे बोहरा समुदाय की उत्पत्ति फातिमियों से हुई है। उन्होंने 1970 के बाद से मस्जिद का जीर्णोद्धार किया और तब से इसका रखरखाव कर रहे हैं।

कब्रिस्तान में पीएम ने सैनिकों दी श्रद्धांजलि 

बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया। यहां उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और फिलिस्तीन में बहादुरी से लड़ने और अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कब्रिस्तान में पुष्पांजलि अर्पित की और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए जिसमें हेलियोपोलिस (पोर्ट ट्यूफिक) स्मारक और हेलियोपोलिस (अडेन) स्मारक शामिल हैं। यह स्मारक लगभग 4,000 भारतीय सैनिकों की याद दिलाता है जो प्रथम विश्व युद्ध में मिस्र और फिलिस्तीन में लड़ते हुए मारे गए थे।

 

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