पुतिन को चुनाव जीतने पर पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत कर उन्हें चुनाव जीतने की बधाई दी है. बता दें कि रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार (18 मार्च 2024) को घोषणा करते हुए बताया कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में व्लादिमीर पुतिन की जीत हुई है.
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भारत और रूस के साझेदारी को मजबूत करने पर हुयी बात
पीएम मोदी ने उनके और पुतिन के बीच की बातचीत की जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर साझा की. उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से बात की और उन्हें रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी. हम आने वाले वर्षों में भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा और विस्तारित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं.
Spoke with President Putin and congratulated him on his re-election as the President of the Russian Federation. We agreed to work together to further deepen and expand India-Russia Special & Privileged Strategic Partnership in the years ahead. @KremlinRussia
— Narendra Modi (@narendramodi) March 20, 2024
अमेरिका और यूरिपियन देशों ने बनाई दूरी
रूस के राष्ट्रपति चुने जाने पर भारत के अलावा चीन ने भी पुतिन को बधाई दिया. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों एवं अन्य वेस्टर्न देशों के प्रमुखों ने पुतिन को चुनाव जीतने पर किसी भी तरह का बधाई संदेश नहीं भेजा है.
बता दें कि व्हाइट हाउस की तरफ से रूस के इस चुनाव को अलोकतांत्रिक करार दिया जा चुका है.
नेवेलनी की मौत के कारण उठे थे सवाल
रूस में पुतिन के सबसे बड़ी चुनौती के रूप में एलेक्स नेवेलनी ने दुनिया भर में काफी सुर्खियां बटोरी थी. हालांकि पिछले महीने उनकी जेल में अचानक मृत्यु की खबर प्रकाशित हुयी. अमेरिका इसके पीछे क्रेमलिन का हाथ मानता है. बता दें कि हजारो की संख्या में लोग नेवेलनी को श्रद्धांजली देने मास्को की सड़क पर उतरे थे. उनकी मृत्यु के बाद पुतिन की जीत तय मानी जा रही थी. हालांकि अपने विक्ट्री स्पीच में पुतिन ने उनके मौत को दुर्भाग्यपुर्ण बताया था. उन्होंने कहा था जेल में एसा कई बार होता है जब कोई कैदी की एसी मौत की खबर सामने आती है और उन्हें इस खबर से काफी दुख पहुंचा है. बता दें कि पुतिन का एसे नेवेलनी का नाम लेकर अपने भाषण में संबोधित करना बेहद ही दुर्लभ है.
चीन का नाम लेकिन भारत का जिक्र नहीं
बता दें कि पुतिन ने चुनाव जीतने के बाद के अपने भाषण में चीन का जिक्र काफी बार किया था हालांकि भारत का नाम उनके इस स्पीच से गायब रहा. यह इस बात को दर्शाता है कि वेस्टर्न देशों के प्रतिबंध की मार झेल रहा रूस अपने विदेशी नीतियों एवं आयात के लिये चीन पर पूरी तरह से निर्भर करता है. पुतिन ने ताइवान मुद्दे पर भी खुलकर चीन का समर्थन किया. कहा कि ताइवान पूरी तरह से चीन का हिस्सा है.