पीएम ने की ‘मन की बात’, बनारस वाले सरदार जी हो गए हिट…
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 75वें ऐपिसोड में बनारस के एक सरदारजी का नाम लिया। पीएम मोदी ने सरदारजी को अपने बनारस के साथी के नाम से संबोधित किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 75वें ऐपिसोड में बनारस के एक सरदारजी का नाम लिया। पीएम मोदी ने सरदारजी को अपने बनारस के साथी के नाम से संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सरदारजी का नाम लिया और वे देश भर में बतौर हीरो ट्रीट होने लगे।
लगातार फोन घनघनाने लगे और घर के बाहर मीडिया वालों का तांता लग गया। जी हां बनारस वाले सरदारजी काम ही कुछ ऐसा कर रहे हैं। सरदारजी ने गौरैया बचाने की मुहीम चला रखी है। लुप्त हो रही परिंदे की इस खास प्रजाति को बचाने के लिए उन्होंने अपने पूरे घर को गौरैया के आशियाने में तब्दील कर दिया है।
आखिर कौन हैं ये सरदारजी
सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी ने जिन सरदारजी का नाम लिया है वो हैं कौन? वाराणसी के गुरुबाग इलाके के श्रीनगर कालोनी में रहने वाले सरदारजी का नाम इंदरपाल सिंह बतरा है। इंदरपाल कैटरिंग के बिजनेस से जुड़े हैं। कभी इनके पुराने घर में मेन डोर के उपर बॉगेनवेलिया और चमेली के फूल की लतर चढ़ी हुई थी। ये लतर बहुत घनी थी। इसलिए परिंदों ने उसमें अपना आशियाना बना लिया।
कुछ समय बाद में अपने घर के रेनोवेशन के समय वह झाड़ी नहीं रही। जिससे पंरिदों का आशियाना छिन गया। ये बात उन्हें बहुत परेशान करने लगी। बस उन्होंने फिर से पंरिदों को बसाने की सोची और अपने घर में दर्जनों की संख्या में छोटे छोटे गमलों को दिवाल में चिपका कर घोसले की शक्ल दे दी।
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने अपने घर के बाहर शमी और बॉगेनवेलिया की पेड़ भी लगाया। जिसका नतीजा है आज सैकड़ों की संख्या में गौरैया उन पेड़ों को अपना आशियाना बना चुकी हैं।
पूरा परिवार लगा है गौरेया संरक्षण के काम में-
इंदरपाल सिंह के साथ उनका पूरा परिवार गौरैया संरक्षण के लिए काम कर रहा है। परिंदों के लिए घर की व्यवस्था हो गयी। अब बतरा जी पारले जी बिस्कुट को चूर कर चिड़ियों को रोज खाना खिलाते हैं। चिड़ियों को पीने के लिए पानी और नहाने की भी उन्होंने परमानेंट व्यवस्था कर दी है।
उनकी कोशिश है कि आंगन की इस चिड़िया को कैसे बचाया जा सके। गौरैया को वे बच्चों की तरह पालते नजर आते हैं। इंदरपाल के साथ कॉलोनी के दूसरे घरों में भी गौरैया के संरक्षण के लिए लोग प्रयत्नशील है। हर घर में हरियाली है और कोई चिंड़ियों परिंदों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करता है।
मोदी जी सरदारजी के लिए क्या कहा-
-मेरे प्यारे देशवासियों, अभी कुछ दिन पहले World Sparrow Day मनाया गया। Sparrow यानि गोरैया। कहीं इसे चकली बोलते हैं, कहीं चिमनी बोलते हैं, कहीं घान चिरिका कहा जाता है। पहले हमारे घरों की दीवारों पर, आस-पास के पेड़ों पर गोरैया चहकती रहती थी। लेकिन अब लोग गोरैया को ये कहकर याद करते हैं कि पिछली बार, बरसों पहले, गोरैया देखा था। आज इसे बचाने के लिए हमें प्रयास करने पड़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा- मेरे बनारस के एक साथी इंदरपाल सिंह बतरा जी ने ऐसा काम किया है जिसे मैं, ‘मन की बात’ के श्रोताओं को जरूर बताना चाहता हूं। बत्रा जी ने अपने घर को ही गोरैया का आशियाना बना दिया है। इन्होंने अपने घर में लकड़ी के ऐसे घोंसले बनवाए जिनमें गोरैया आसानी से रह सके। आज बनारस के कई घर इस मुहिम से जुड़ रहे हैं। इससे घरों में एक अद्भुत प्राकृतिक वातावरण भी बन गया है।
आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो इस चिड़िया को विलुप्त नहीं होने देना चाहते हैं। वे इस मुहिम चलाकर ना सिर्फ इन्हें दाना खिला रहे हैं, बल्कि इनके रहने का इंतजाम भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हैं वाराणसी के रहने वाले इंद्रपाल सिंह बत्रा। गौरेया के लिए इनका प्यार का जिक्र पीएम मोदी ने अपनी मन की बात में किया।
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