चारधाम यात्रा में वीआईपी दर्शन और रील बनाना प्रतिबंधित, जानें क्यों लिया गया यह फैसला ?

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अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर केदारनाथ धाम के द्वार खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गयी है. पहले ही दिन तीस हजार से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंचे थे. ऐसी लगातार बढती जाती भीड़ की वजह से प्रशासनिक व्यवस्थाएं चरमरा जा रही है. ऐसे में प्रदेश की धामी सरकार ने बीते गुरूवार को वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक रोक लगा दी है.

इससे पहले यह रोक 25 मई तक थी. इसके साथ ही सीएम धामी ने इस आदेश के साथ अधिकारियों से यह भी कहा है कि, चारधामों की क्षमता के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए. बीते गुरूवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए धामी ने कहा कि, सभी चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया कि वे दर्शन के लिए यात्रा रजिस्ट्रेशन में दी गई तिथि के अनुसार ही आएं.

जारी किए गए निर्देश में सीएम धामी ने कहा है कि, चार धाम दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को उनकी प्रतिदिन की क्षमता के अनुसार ही भेजा जाए. रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए. राजस्व, परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर चेक पोस्ट पर इसकी निगरानी करें. सीएम धामी ने कहा कि, चारधाम के सभी रास्तों के प्रवेश स्थानों के साथ-साथ विकासनगर, यमुनापुल, धनोल्टी और सुवाखोली में सख्ती से चेकिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.

अधिकारी प्रत्येक दिन प्रेस ब्रीफिंग करेंगे

इसके साथ ही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सीएम धामी ने कहा है कि, ”चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के बारे में लोगों को स्पष्ट रूप से बताने के लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को हर दिन ब्रीफिंग देंगे. उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि वे स्वयं स्थानीय निरीक्षण करके यातायात और भीड़ को नियंत्रित करें और चारों ओर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाए. मुख्यमंत्री ने बताया कि, चारधाम यात्रा प्रदेश की लाइफ लाइन है, यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है. धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के डीएम से वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से सबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी ली है.

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चारधाम यात्रा में रील बनाने में रोक

इसके साथ ही चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर के तकरीबन 50 मीटर के दायरे में फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है, प्रशासन का मानना है कि, भक्त धामों में रील बनाकर भ्रामक जानकारी फैलाने का काम कर रहे है, जिसके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज होगी. ऐसे में श्रद्धालु न तो फोन का इस्तेमाल कर पाएंगे और न ही रिल बना पाएंगे. गुरुवार को मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है. मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम में इस बार पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक लोग आ रहे हैं. इस बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है. श्रद्धालु मंदिर परिसर में मोबाइल फोन से फोटो खींचने और वीडियो बनाने में काफी समय लगा रहे हैं, इसकी वजह से आसपास अत्यधिक भीड़ हो रही है.

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