पीलीभीत का प्राइमरी स्कूल भी रंग गया भगवे के रंग में
अब ताजा मामला पीलीभीत से आ रहा है, जहां अफसरों और ग्राम प्रधानों ने प्राइमरी स्कूलों की पुताई भगवा रंग से करवानी शुरू कर दी। जब इस मामले पर विवाद बढ़ा तो अफसरों ने पूरा ठीकरा ग्राम प्रधानों पर फोड़ दिया और स्कूलों को फिर से पुराने रंग में रंगने के आदेश दिए हैं। यही नहीं यूपी में ज्यादातर इमारतों को भगवा रंग किए जाने का सिलसिला जारी है।
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बीएसए बैठक में मौखिक आदेश दिए
पीलीभीत में कई स्कूलों को भगवा रंग से पुतवाया गया। वहां के शिक्षकों और ग्राम प्रधानों का कहना है कि बीएसए के साथ हुई बैठक में ही इस तरह के मौखिक आदेश दिए गए थे। करीब 100 स्कूलों को भगवा रंग से रंगने की बात तय हुई थी। शिक्षा विभाग से स्कूलों की मरम्मत के लिए साल भर में 500 रुपये ही मिलते हैं। इस वजह से बैठक में यह भी कहा गया था कि ग्राम प्रधान भी 14वें वित्त आयोग की निधि से स्कूलों की रंगा- पोताई और मरम्मत करवा सकते हैं। इसी के तहत ग्राम प्रधानों से कह दिया गया था कि वे तब तक बाउंड्री, शौचालय की मरम्मत और पोताई का काम अपनी निधि से करवाना शुरू कर दें। शिक्षा विभाग के फंड से जो धनराशि आएगी, उससे बाद में और काम हो जाएगा।
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जब ग्रामीणों और शिक्षकों ने उठाई आपत्ति
इस बैठक के बाद ही ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को भगवा रंग से पोतवाना शुरू कर दिया। कुछ स्कूलों में भगवा रंग की पोताई हो गई तो कई जगह विवाद भी हुआ। कुछ ग्रामीणों और शिक्षकों ने भी इस पर आपत्ति उठाई। बाद में डीएम, सीडीओ ने बीएसए के साथ इन स्कूलों का निरीक्षण किया। भगवा रंग में रंगवाने के बारे में पूछा गया कि किस आदेश के तहत यह काम किया जा रहा है। शासन की ओर से कोई आदेश न होने पर वहां की डीएम शीतल वर्मा ने फिर से पुराने रंग में और मानक के अनुसार स्कूलों को रंगने के आदेश दे दिए।