जौनपुर में बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर की गोली मारकर हत्या
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी के बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ने की हुई थी घोषणा
बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को एक दिन पहले ही बसपा से जौनपुर लोकसभा सीट से टिकट की घोषणा हुई और दूसरे दिन मंगलवार की रात धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह वारदात सिकरारा थाना क्षेत्र के रीठी गांव में हुई. घटना के बाद से गांव में हड़कंप मच गया. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस आनन-फानन में अनीस खान को अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने अनीस को मृत घोषित कर दिया.
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पूर्व सांसद धनंजय सिंह इस समय जेल में बंद हैं. आज ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बीएसपी ने उनकी पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी को जौनपुर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. श्रीकला सिंह रेड्डी के उम्मीदवार घोषित होने के कुछ ही घंटों के भीतर ही धनंजय सिंह के निजी गनर की हत्या कर दी गई. घटना की गंभीरता को देखते हुए रीठी गांव में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
पूर्व सांसद के करीबी थे अनीस खान
बता दें कि मृतक अनीस खान पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबियों में थे. पहले अनीस धनजंय की सुरक्षा में तैनात थे. मंगलवार रात रीठी गांव पहुंचे अज्ञात बदमाशों ने अनीस पर फायर झोंक दिया. गोलियां चलने की आवाज सुनकर गांव वाले मौके पहुंचे तो देखा कि अनीस जमीन पर पड़े थे. हमलावर फरार हो चुके थे. घटना के बाद जौनपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा भी मौके पर पहुंचे और पूछताछ की.पुलिस अधीक्षक ने कहाकि आरोपितों की पहचान कराई जा रही है. दूसरी तरफ अनीस खान की हत्या करने की सूचना मिलते ही धनंजय सिंह के समर्थकों का जिला अस्पताल में जमावड़ा लग गया.अनीस की हत्या किस वजह से की गई यह स्पष्ट नही है. कुछ लोग पुरानी रंजिश को घटना का कारण बता रहे हैं. हालांकि इसे लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
चुनाव की घोषणा से दो दिन पहले धनंजय सिंह को सुनाई गई सजा
धनंजय की पत्नी के बसपा से टिकट मिलने की घोषणा भी कम चौकानवाली नही थी. मायावती ने वह काम किया जिसकी किसी को उम्मीद नही थी. उनके मैदान में आने से जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव अब त्रिकोणीय हो गया है. पहले भाजपा ने कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया. उसके बाद 14 मार्च को समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट थमाया तो राजनीतिक हलचलें तेज हो गईं. अगले ही दिन बसपा ने सबको चौंकाते हुए श्रीकला धनंजय सिंह को टिकट थमा दिया. दरअसल, आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से ही धनंजय सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक दी थी. धनंजय सिंह को सपा से टिकट मिलने की अफवाहों ने भी चुनाव को गरम कर दिया था. हाल के दिनों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ एक समारोह में उनकी फोटो भी वायरल होने लगी थी. इसी बीच धनंजय सिंह को एक मामले में 7 साल की सजा हो गई और उनका चुनाव लड़ना मुश्किल हो गया. लोगों को लगा कि अगर धनंजय सिंह नहीं तो उनके परिवार से कौन चुनाव लड़ेगा. सबसे पहले बात उनके पिता एवं पूर्व विधायक राजदेव सिंह का नाम सामने आया. श्रीकला सिंह के भी मैदान में उतरने की अटकलें लगने लगीं. इन सब कवायदों के बीच सपा से ही टिकट मिलने की उम्मीद धनंजय परिवार पाले हुए था.
सपा ने दिया धनंजय को झटका तो बसपा ने चौकाया
समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद लिए धनंजय सिंह जेल तो चले गए, लेकिन उम्मीदें जताई जा रही थीं कि उनकी पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह या पिता राजदेव सिंह को समाजवादी पार्टी टिकट दे सकती है, बीते 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी ने मायावती सरकार में एनएचआरएम घोटाले में चर्चा में रहे बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया तो सभी कयासों पर विराम लग गया. सपा से झटका मिलने के बाद धनंजय सिंह का चुनाव भी अधर में लटक गया. बसपा सुप्रीमो मायावती से उनकी अदावत सभी को याद थी और वहां से टिकट मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी. समाजवादी पार्टी ने धनंजय सिंह पर विश्वास नहीं जताया तो एक बार लगा कि धनंजय सिंह के परिवार से कोई ना कोई निर्दल चुनाव लड़ सकता है. इसी बीच 15 अप्रैल की दोपहर से ही दो नाम धनंजय सिंह के पिता राजदेव सिंह और दूसरा पत्नी श्रीकला सिंह को बसपा से टिकट मिलने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया. देर शाम बसपा ने सभी को चौंकाते हुए श्रीकला धनंजय सिंह को जौनपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया.