वाराणसी में बिजली कटने से लोग परेशान, 24 घंटे में कई बार हो रही कटौती

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बनारस बिजली कटौती मुक्त शहर है फिर भी उपकरण बचत के नाम पर हर एक घंटे में यहां पर बिजली कटौती की जा रही है. पिछले 24 घंटे में करीब 17 बार बिजली काटी गई. अलग-अलग क्षेत्रों में यह कटौती 30 मिनट से 4 घंटे के बीच हो रही है. ट्रिपिंग और फॉल्ट की समस्या भी लगातार बनी हुई है. सोमवार को लहरतारा में रात 10 बजे के बाद दो फेज की बिजली गुल हो गई जिसके बाद कूलर, पंखा और एसी चलना बंद हो गया जिससे इस भीषण गर्मी के बीच लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

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उपकरण बचत के लिए 17 बार हुयी कटौती

जीटी रोड से सटे मोहल्लों, कॉलोनियों में बिना किसी पूर्व सूचना के सात-सात घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती है. काशी विश्वनाथ, दशाश्मेध, अस्सी घाट क्षेत्र, मैदागिन जैसे पर्यटन क्षेत्र और वीआईपी रविंद्रपुरी कॉलोनी, सिगरा, महमूरगंज, पन्नालाल पार्क से सटी कॉलोनियों में भी लगातार कटौती की जा रही है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति इससे भी ज्यादा ज्यादा खराब होती जा रही है. बिजली निगम के रिकॉर्ड के अनुसार सोमवार को लोकल फॉल्ट और उपकरण बचत के नाम पर 17 बार बिजली कि कटौती की गयी.

कई इलाको में हो रही घंटो कटौती से लोग हुए परेशान

पोल और बिजली लाइन में आई दिक्कतों के नाम पर बृज इन्क्लेव कॉलोनी में रविवार की रात 11 बजे बिजली गई, जो कि सोमवार की सुबह चार बजे आई. पूरी रात लोग गर्मी से परेशान रहे. इसी तरह सुंदरपुर, सरायनंदन और खोजवां में रविवार की रात करीब 11:30 बजे बिजली गुल हुई, जो सुबह 4:30 बजे आ आयी. इस कारण लोग काफी परेशान रहे और और उनकी नींद हो सकी. गर्मी की वजह से क्षेत्र के लोगों को रात जागकर गुजारनी पड़ी. क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि बिजली कटौती ने एकदम परेशान कर दिया है शिकायत के बाद भी अफसर सुनवाई नहीं करते हैं साथ कंट्रोल रूम के कर्मचारी भी फोन नहीं उठाते है . बृज इन्क्लेव एक निवासी का कहना है कि रात 11 बजे अचानक बिजली चली गई इसके बाद उन्होंने उपकेंद्र पर फोन किया तब पता चला की तार में फॉल्ट है. इस फॉल्ट को सही करने में करीब 6 घंटे लग गए.

बिजली की खपत बढ़ने से की जा रही है कटौती

अधीक्षण अभियंता एसके सनोरिया के मुताबिक बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. अप्रैल में ही बिजली खपत 300 मेगावाट से बढ़कर 410 मेगावाट हो गई है. ज्यादा खपत और लोड ना झेल पाने के चलते उपकरण जलने के कगार पर पहुंच जाते हैं. कई बार कुछ देर का ट्रिप लेना पड़ता है ताकि उपकरण बचाए जा सकें. उनका दावा है कि ट्रिप मुश्किल से बस 10 मिनट का लिया जाता है साथ ही उनका कहना है की जहां देर तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती है वहां फॉल्ट ज्यादा बड़ा होता है.

written by Harsh Srivastava

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