इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि कट्टर धार्मिक तत्वों की जहालत (हठधर्मिता व जानकारी का अभाव) की वजह से पाकिस्तान में कोरोना वायरस की महामारी फैली। चौधरी ने ट्वीट कर इन तत्वों के प्रति अपना गुस्सा जताया।
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गौरतलब है कि मिस्र के प्रसिद्ध अल अजहर विश्वविद्यालय के मुख्य मुफ्ती द्वारा कोरोना के कारण सामूहिक नमाजों पर रोक के समर्थन में फतवे और राष्ट्रपति समेत तमाम लोगों की अपील के बावजूद पाकिस्तानी उलेमा ने कहा है कि अन्य नमाजें घरों में पढ़ीं जाएं लेकिन मस्जिदों में फर्ज नमाज सामूहिक रूप से ही पढ़ी जाएगी।साथ ही, कुछ समूह इस महामारी के बीच भी धार्मिक प्रचार करते नजर आ रहे हैं।
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फवाद चौधरी ने ट्वीट में कहा, यह (कट्टर धार्मिक तत्व) हमसे कहते हैं कि यह (कोरोना) अल्लाह का अजाब है, इसलिए तौबा करो। जबकि, सच तो यह है कि सबसे बड़ा अजाब जहालत है जो इनकी (कट्टर धार्मिक तत्व) शक्ल में हमारे सिरों पर सवार है। हां, ज्ञान व उस पर अमल को जानने वाले उलेमा अल्लाह का वरदान हैं जिनकी हमें कद्र करनी चाहिए।
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चौधरी ने गुस्से भरे ट्वीट की श्रृंखला में कहा कि जाहिल को विद्वान का दर्जा देना बड़ी तबाही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनिया भर में इस वक्त स्वास्थ्य शोधकर्ता 66 शोध कर रहे हैं जिनमें पाकिस्तानी भी शामिल हैं।
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