आज के दिन हुई थी पाकिस्तान की पहली महिला PM की हत्या, जानें बेनजीर भुट्टो के बारे में
दुनिया की बड़ी महिला नेताओं में शुमार बेनजीर भुट्टो की हत्या आज ही के दिन की गई थी. वो पाकिस्तान में पीएम की जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला थीं. देश की सबसे बड़ी पॉलिटिकल फैमिली भुट्टो परिवार में जन्मी बेनजीर पाकिस्तान के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी थीं और सिर्फ 35 साल की उम्र में देश की पीएम बन गई थीं. जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम किस्सों के बारे में…
जन्म और शिक्षा…
बेनजीर भुट्टो का जन्म 21 जून, 1953 में पाकिस्तान के कराची में हुआ था. पाक के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो की ये सबसे बड़ी बेटी थी. जुल्फिकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान पीपल्स पक्ष की स्थापना की थी और वर्ष 1971 से 1977 तक पाकिस्तान के पीएम भी थे. बेनजीर की अपनी शुरुआती शिक्षा पाकिस्तान में हुई.
इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वो अमेरिका चली गयी. वर्ष 1969 से 1973 तक उन्होंने रेडक्लिफ कॉलेज में पढ़ाई की और उसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बीए स्नातक की डिग्री प्राप्त की. ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ाई करने के लिए वर्ष 1973 से 1977 के दौरान उन्हें यूनाइटेड किंगडम जाना पड़ा. वहां पर बेनजीर ने अंतर्राष्ट्रीय कानून और कूटनीति का कोर्स पूरा किया. वर्ष 1977 में वो पाकिस्तान वापस आ गयी.
पिता को फांसी, भाई की मौतें…
पाकिस्तान आने के बाद बेनजीर भुट्टो को घर के अंदर गिरफ्तार करके रखा गया था. दरअसल, जनरल मोहम्मद जिया उल हक की अगुवाई में सेना ने उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार का तख्ता पलट दिया था. वर्ष 1978 में जब जिया उल हक राष्ट्रपति बने तब जुल्फिकार अली भुट्टो को एक प्रतिद्वंद्वी की हत्या में दोषी ठहराकर फांसी दी गयी.
उसके बाद बेनजीर भुट्टो ने पीपीपी पक्ष का नेतृत्व संभाला. वर्ष 1980 में उनके भाई शाहनवाज को उनके ही घर में मार दिया गया था. वर्ष 1996 में कराची में हुई पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनका दूसरा भाई मुर्तजा मारा गया. वर्ष 1984 में पीपीपी पक्ष की सह नेता बनने के लिए बेनजीर भुट्टो इंग्लैंड चली गईं. खुले चुनाव में एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत करने के लिए बेनजीर 10 अप्रैल, 1986 को पाकिस्तान वापस आ गईं.
अमीर जमींदार से शादी…
आसिफ अली ज़रदारी नाम के अमीर जमींदार से बेनजीर भुट्टो की शादी 18 दिसंबर, 1987 को हुई.
दोनों की 3 संतानें हुईं. जिसमें एक बेटा बिलावल भुट्टो और दो बेटियां बख्तावर भुट्टो और असीफा भुट्टो हैं.
बिलावल भुट्टो वर्तमान में पाकिस्तान के विदेश मंत्री के पद पर हैं.
मुस्लिम राष्ट्र की पहली महिला पीएम बनीं बेनजीर…
पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी देने वाला जिया उल हक वर्ष 1988 में एक विमान हादसे में मारा गया. उसके बाद जिया उल हक की तानाशाही का भी अंत हो गया. उधर, बिलावल भुट्टो के जन्म के 3 माह बाद ही बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान का पीएम पद संभाला. 1 दिसंबर, 1988 को बेनजीर भुट्टो किसी मुस्लिम राष्ट्र की पहली महिला पीएम बनीं. वर्ष 1990 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उन्हें उन पर लगाये गए कार्यालय के दौरान दुर्व्यवहार के विरुद्ध न्यायालय में जाना पड़ा.
बेनजीर भुट्टो लगातार अपने विरोधियों के निशाने पर थीं. वर्ष 1993 के चुनाव में बेनजीर फिर से विजयी हुईं और वर्ष 1996 के चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
पाकिस्तान का ‘सर्वाधिक काला दिन’…
ब्रिटेन और दुबई में वो आत्म निर्वासित निर्वासन में थीं, लेकिन वर्ष 1999 में उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप साबित होने पर उन्हें 3 साल की सजा हुई. 18 अक्टूबर, 2007 को बेनजीर भुट्टो फिर से पाकिस्तान आ गईं, क्योंकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भ्रष्टाचार के आरोपों से माफी दिलायी और उनके सत्ता में जाने का मार्ग खोल दिया. 8 साल निर्वासन में रहने के बाद बेनजीर भुट्टो की रैली में आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 136 लोग मारे गए. इस दौरान वो अपनी गाड़ी से नीचे गिरीं और वहां से बच निकलीं. इस दिन को बेनजीर भुट्टो ने पाकिस्तान का ‘सर्वाधिक काला दिन’ घोषित कर दिया.
आपातकाल की घोषणा…
उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 3 नवंबर को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी. इस दौरान बेनजीर भुट्टो के समर्थकों को रास्ते पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी.
9 नवंबर को बेनजीर भुट्टो को नजरबंद करके रखा गया. 4 दिन बाद बेनजीर भुट्टो ने मुशर्रफ से इस्तीफे की मांग की. इसके बाद दिसंबर में आपातकाल की स्थिति हटाई गयी.
गोली मारकर हुई बेनजीर भुट्टो की हत्या…
27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में एक हत्यारे ने बेनजीर भुट्टो को गोली मार दी और बाद में चुनाव के रैली के दौरान खुद को गोली मारकर उड़ा दिया. इस हमले में बेनजीर भुट्टो की मृत्यु हो गयी. उस हमले में 28 लोग मारे गए और 100 लोग घायल हुए थे.
जब बेनजीर भुट्टो लोगों की रैली में संबोधित कर रही थी, तब कुछ मिनट में ही हमलावर ने उन पर हमला कर दिया. यह हमला रावलपिंडी में इस्लामाबाद से 8 किमी. दूर था.
28 दिसंबर, 2007 को हजारों लोगों ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्हें उनके घर के मकबरे में गढ़ी खुदा बक्श में दफनाया गया जो की सिंध के दक्षिण प्रांत में है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने तब 3 दिन का शोक घोषित किया था.
बेनजीर भुट्टो के अंतिम संस्कार में उनके पति आसिफ अली ज़रदारी, उनके तीनों बच्चे और उनकी बहन सनम उपस्थित थे. बेनजीर भुट्टो को उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो के बगल में ही दफनाया गया. बता दें जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें फांसी दी गयी थी.
हत्या के पीछे अल कायदा का हाथ…
बेनजीर भुट्टो की मौत के बाद क्रोधित हुए उनके समर्थकों ने हिंसा उत्पन्न कर दी, जिससे कई शहरों में भगदड़ मच गई. इस दौरान कार, रेलगाड़ी और दुकानों में हिंसा के कारण कम से कम 23 लोग मारे गए. पाकिस्तान के आतंरिक मंत्रालय ने बताया की बेनजीर भुट्टो के हत्या के पीछे अल कायदा का हाथ होने के ‘ठोस सबूत’ हैं.
ब्रिगेडियर जावेद इकबाल चीमा ने कहा कि सरकार ने एक ‘ख़ुफ़िया अवरोधन’ रिकॉर्ड किया था, जिसमें अल कायदा लीडर बैतुल्लाह महसूद अपने लोगों को इस कायरतापूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए बधाई देते हुए दर्शाया गया है. महसूद पाकिस्तान के आदिवासी विभाग दक्षिण वजीरिस्तान में तालिबानी सेना का कमांडर है, जहां पर अल कायदा के लोग सक्रिय है. महसूद ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया है.
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